दिल्ली पुलिस का यह काम जो बनाता है उसे दिल की पुलिस

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नई दिल्ली, इंडिया विस्तार।  दिल्ली पुलिस के नए स्लोगन दिल की पुलिस का एक नया चेहरा है प्लाज्मा डोनेटर का। जी साहब पुलिस कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव के दिए गए नारे “दिल की पुलिस” को चरितार्थ कर रही पुलिस ने अब तक प्लाजमा दान कर 350 लोगों को कोरोना से जीतने में मदद की है या यूं कहें कि 350 कोरोना मरीजों की जिंदगी बचाने में अहम भूमिका अदा की है। इनमें से 100 से ज्यादा वो लोग है जिन्हें प्लाज्मा देने वाले पुलिसकर्मी जानते तक नहीं थे।

दिल्ली पुलिस औऱ कोरोना

दिल्ली में कोरोना की शुरूआत में ही पुलिस कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने पहले खाना पहुंचाने से लेकर मजदूरों को गोद लेने तक में अहम भूमिका निभाई थी। इस भूमिका को निभाने के दौरान कुल 81346 की फोर्स में से 8.52 प्रतिशत् यानि 6937 पुलिसकर्मी कोरोना से पीड़ित हुए। इनमें से 87.77 प्रतिशत् यानि 6089 पुलिसकर्मी कोरोना को हराने में कामयाब रहे। 11.84 प्रतिशत् यानि 822 अभी भी कोरोना से लड़ रहे हैं और 0.38 प्रतिशत् पुलिसकर्मी दुर्भाग्यवश कोरोना से हार गए।

दिल की पुलिस

मगर कोरोना से युद्ध जीतने वाले पुलिसकर्मियों ने दिल की पुलिस बनने का फैसला किया। 23 नवंबर तक 323 पुलिसकर्मी जिनमें अफसर भी शामिल हैं, प्लाज्मा दान कर चुके हैं। इनमें से 82 ने सहकर्मियों के लिए, 107 ने अपने परिवार या दोस्तों के लिए तो 134 लोगों ने अंजान लोगों के लिए प्लाज्मा दान किया। जिन लोगों को प्लाज्मा दिया गया वह सभी लोग हरेक उम्र के थे लेकिन विशेषकर वरिष्ठ नागरिक भी शामिल थे।

 

दिल्ली पुलिस के इन पुलिसकर्मियों से मिलिए

दिल्ली पुलिस में कापसहेड़ा थाने के हेडकांस्टेबल कृष्ण कुमार 5 विभिन्न अस्पतालों में प्लाज्मा दान कर चुके हैं तो दक्षिण पूर्वी दिल्ली में तैनात 4 और दिल्ली पुलिस ट्रेनिंग कालेज में तैनात 1 पुलिसकर्मी 3 बार प्लाज्मा दान कर चुके हैं। इसी तरह दक्षिण पूर्वी दिल्ली में तैनात 8 पुलिसकर्मी दो बार प्लाजमा दान कर चुके हैं।

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