यह हैं गैंगस्टर केडी सरकार, सोशल मीडिया के सहारे बनने चले डॉन फिलहाल जेल, देखें वीडियो

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पुलिस डायरी से /आलोक वर्मा

आलोक वर्मा

पुलिस की डायरी में इस बार एक ऐसे शख्स की कहानी जिस पर डॉन बनने का जुनून ऐसा सवार हुआ कि अपराध दर अपराध को अंजाम देकर सोशल मीडिया  के माध्यम से खौफ फैलाने लगा। जेल से व्हाट्सएप्प पर हुक्म पर हत्या और लूट की वारदात को अंजाम देने वाला यह शख्स दिल्ली की रोहिणी पुलिस स्पेशल स्टाफ के हत्थे चढ़ा है। कौन है यह, कैसे बना गैंगस्टर, किस गैंग के लिए काम करता है पढिए विस्तार से।

फेसबुक पर केडी सरकार का प्रोफाइल किसी फिल्मी हीरो से कम नहीं लगता। उसके एक एक पोस्ट को लाइक और कमेंट भी कई मिलते हैं। उसके कमेंट होते हैं अपराध की वारदातों का ऐलान। यू टयूब पर वह और उसके साथी मर्डर, लूट के वीडियो डालते हैं फिर जिसे डराना होता है उसे लिंक भेजा जाता है। उसके यू टयूब को भी हजारो

दर्शक मिलते हैं।

  • एक नहीं तीन नाम

डॉन की इच्छा रखने और सोशल मीडिया के माध्यम से खौफ की बादशाहत कायम करने की चेष्टा करने वाले इस शख्स के तीन नाम हैं-प्रवीण उर्फ केडी उर्फ विजय। दिल्ली पुलिस के मुताबिक प्रवीण उर्फ केडी अनिल छिप्पी गैंग का शार्प शूटर है।   

  • कैसे आया पुलिस जाल में

 9 नवंबर 2019 को दिन दहाड़े दिल्ली के रोहणी में स्थित बेगमपुर मार्केट में जेवरात की दुकान पर लूटपाट हुई। बेगमपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। रोहिणी डीसीपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस की कई टीमें बनाईं इन्हीं टीमों में से एक टीम रोहिणी जिला पुलिस के स्पेशल स्टाफ की भी थी।

एसीपी ब्रहमजीत सिंह

एसीपी ब्रह्मजीत सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह के नेतृत्व में एसआई सोमवीर सिंह,




एएसआई ओमप्रकाश, नरेन्द्र, हवलदार पुरुषोत्तम, सिपाही प्रभात, संजीव औऱ अक्षय की टीम ने जांच शुरू की। इस तरह की वारदातों को अंजाम देने वाले अपराधियों की शिनाख्त शुरू हुई, सीसीटीवी फुटेज खंगाला जाने लगा। लूटपाट के दौरान सीसीटीवी का डीवीआर उठाने की बजाय बदमाश टीवी का सेट टॉप बॉक्स उठाकर ले गए थे।

एएसआई ओमप्रकाश डबास

इसलिए पुलिस के पास लुटपाट करने वाले बदमाशों का फुटेज आ गया था। जांच करते करते दो महीने हो चले थे मगर ठीक 60वें दिन यानि 9 जनवरी को स्पेशल स्टाफ को सूचना मिली कि वारदात में शामिल प्रवीण उर्फ केडी उर्फ विजय कराला गांव में किसी से मिलने आने वाला है। इस सूचना के मिलते ही स्पेशल स्टाफ की उपरोक्त टीम सतर्क हो गई। पुलिस टीम ने बरवाला कराला रोड पर जाल बिछा दिया। पुलिस टीम को सूचना थी कि केडी मारुति ब्रीजा कार में आएगा। पुलिस टीम ने संदिग्ध हालत में आ रही ब्रीजा को रूकने का संकेत दिया कार रूकते ही चालक हाथ में पिस्टल लिए निकला और फरार होने की कोशिश करने लगा। लेकिन एसआई सोमवीर सिंह ने पिछा कर उस पर काबू पा लिया। उसकी पहचान सुपारी किलर प्रवीण उर्फ केडी उर्फ विजय के रूप में हो गई।

हेडकांस्टेबल पुरषोत्तम

तलाशी में उसके पास से दो महीने पहले लूटे गए जेवरातों में से एक अंगूठी भी मिल गई। जिस कार में वह सवार था वह भी लूटी हुई थी। पुलिस ने उसके पास से पिस्टल और कारतूस भी बरामद किए।

  • कौन है प्रवीण उर्फ केडी

प्रवीण उर्प केडी उर्फ विजय सिर्फ 22 साल का है। सोनीपत का रहने वाला प्रवीण बीए(।।) तक की शिक्षा प्राप्त है। साल 2016 में अपने घर के पास कार पार्किंग को लेकर झगड़ा हुआ औऱ उस पर सिर फोड़ने का आरोप लगा। इस आरोप में वह जेल गया। जेल में ही उसकी मुलाकात सुमित नाम के बदमाश से हुई। संगत ने असर किया औऱ साधारण रूप से पढ़ाई करने वाले छात्र प्रवीण ने बदमाश बनने की चाह जगा दी।

कांस्टेबल प्रभात
  • इस तरह शुरू हुई अपराध की दुनिया

जेल से बाहर आने के बाद प्रवीण ने एक पुरानी कार खरीदी। बाद में यह कार एक डकैती में लिप्त पाई गई लेकिन इस मामले में प्रवीण बच गया। जेल में दोस्त बने सुमित की संगत ने प्रवीण का टारगेट बदल दिया था।

कांस्टेबल संजीव

अब वह दिल्ली एनसीआर का डॉन बनने का सपना देखने लगा था और इसका जिक्र वह अपने दोस्त सुमित से भी करता था। सुमित ने उसकी मुलाकात बवाना के घोषित बदमाश अमित उर्फ छोटा से करवा दी।

कांस्टेबल अक्षय

अब प्रवीण को अपना डॉन बनने का सपना पूरा होता दिख रहा था। उसने अपना नाम भी केडी सरकार रख लिया और इस नाम से सोशल मीडिया पर अकाउंट भी खोल लिए। उस पर अपनी अपराध की चाह के बारे में पोस्ट भी लिखने लगा। अमित से उसकी दोस्ती परवान चढ़ रही थी लेकिन उसका डॉन बनने का सपना पूरा करने के लिए किसी बड़े हाथ की जरूरत थी। केडी का दोस्त बना अमित उर्फ छोटा ने उसे कुख्यात बदमाश गैंग सरगना अनिल छिप्पी के गैंग में शामिल होने का लालच दिया।

  • कौन है अनिल छिप्पी

अनिल छिप्पी पर 18 हत्याओं का आरोप है। आजकल वह करनाल जेल में बंद है। बचपन में उसके पिता की हत्या हो गई थी। उसी का बदला लेने के लिए उसने बदमाश बनने की ठान ली। पहली हत्या पिता के हत्यारों की ही की फिर तो कत्ल दर कत्ल करता गया। रोहतक कोर्ट में तीन भाईयों की हत्या के बाद तो अनिल छिप्पी काफी कुख्यात हो गया। इतना कुख्यात की उसके नाम से फेसबुक ग्रुप तक बना हुआ है औऱ इस ग्रूप के सैकड़ो सदस्य हैं।

  • छिप्पी गैंग में शामिल होने की शर्त

केडी को उसके दोस्त अमित ने छिप्पी गैंग में शामिल होने की लालच दे दी थी। केडी भी इसके लिए तैयार था। एक दिन अमित ने केडी की बात व्हाट्स एप्प कॉल के जरिए करनाल जेल में बंद अनिल छिप्पी से करवा दी। केडी ने पोन पर अनिल से गैंग में शामिल होने की बात की तो अनिल छिप्पी ने साफ साफ कह दिया कि छिप्पी गैंग में शामिल होने के लिए हत्या पहली शर्त है।

  • और केडी बन गया गैंग का शार्प शूटर

केडी अनिल की शर्त मानने को तैयार था। अब केडी गैंग का शार्प शूटर बन गया अमित उर्फ छोटा और जेल में दोस्त बना सुमित उसका साथी। पिछले साल अनिल छिप्पी ने इन्हें ज्योति नगर में एक शख्स की हत्या करने का निर्देश दिया। इस निर्देश का पालन करने के लिए केडी, अमित और सुमित ने अक्टूबर में आई-20 कार लूटी। इसी कार से चलकर तीनों ने ज्योति नगर में हत्या की। इसके बदले गैंग को दस लाख रूपये मिले थे। दूसरी हत्या की सुपारी भी दस लाख में ही मिली थी। इस हत्या को 5 नवंबर के दिन गोकुलपुरी में अंजाम दिया गया। इन दोनों हत्याओं में लूटी गई आई-20 कार का इस्तेमाल किया गया था। जेल में बंद अनिल ने पानीपत में कैश वैन लूटने की साजिश रची। यह काम भी केडी को सौंपा गया। इस कांड को अंजाम देने के लिए 9 नवंबर को केडी अपने दोनों साथिय़ों के साथ पानीपत गया भी लेकिन कैश वैन लूट में नाकामी मिली। फिर तीनों दिल्ली के रोहिणी में स्थित बेगमपुर में ज्वैलरी की दुकान में पहुंचे औऱ जेवरात लूट कर फरार हो गए। दिल्ली भी वह इसी फिराक में आया था ताकि अगले शिकार को तलाशा जा सके। लेकिन रोहिणी पुलिस के हत्थे चढ़ गया। अब वह जेल में है और पुलिस उसके साथियों की तलाश कर रही है।

देखें वीडियो—

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