मौत के बाद का सवाल कोरोना के बाद और भी अहम हो गया है। महामारी ने पूरी दुनिया को आशंकित कर दिया है। लोग अब मौत के बाद अपनी चीजों के भविष्य के बारे में सोचने लगे हैं। बैंक को किसी भी इकोनॉमी के लिए सपोर्ट-सिस्टम के रूप में जाना जाता है। अपनी मेहनती की कमाई को सुरक्षित रखने के लिए लोग बैंक को सबसे बेहतर विकल्प के रूप में मानते हैं। इसी के साथ उन्हें अपनी जमा पर ब्याज भी मिलता है। ऐसे में अगर किसी बैंक अकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाए, तो उसके मौत के बाद खाते में जमा पैसों का क्या होता है. क्या आपने कभी सोचा है कि इन पैसों का मालिक कौन होगा। जानते हैं कि इसे लेकर आरबीआई के नियम क्या कहते हैं।
खाते के नॉमिनी का हक
जब भी आप बैंक में अपना खाता खुलवाते हैं, तो आपको अपने खाते के लिए एक नॉमिनी तय करना होता है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि यदि किसी दुर्घटना या किसी अन्य कारण से खाताधारक की मृत्यु हो जाती है, तो मृत व्यक्ति के खाते पर नॉमिनी का अधिकार होगा। खाते में रखे पैसे भी इसी नॉमिनी को मिल जाएंगे।
बैंक अकाउंट होल्डर के नॉमिनी को जरूरी डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद ही खाते से पैसे देता है।
नॉमिनी मेंशन न होने पर
बैंक अकाउंट में यदि नॉमिनी मेंशन न हो तो बैंक अकाउंट होल्डर के कानूनी उत्तराधिकारी को अकाउंट का अधिकार देता है, लेकिन उसे सही डॉक्यूमेंट्स के जरिए खुद को अकाउंट होल्डर का लीगल वारिस साबित करना होता है। इसके लिए उसे कोई विल या उत्तराधिकार प्रमाण पत्र देना होगा। जिससे ये साबित होगा कि मरने वाले का पैसा उसे मिलना चाहिए।
अगर ज्वाइंट अकाउंट हो तो
अगर बैंक में किसी ने ज्वाइंट खाता खुलवाया है, तो किसी एक खाताधारक की मृत्यु पर दूसरा खाताधारक आसानी से अकाउंट से पैसे निकाल सकता है। ऐसी स्थिति में मरने वाले व्यक्ति का नाम अकाउंट से हटाने के लिए उसके मृत्यु प्रमाण पत्र की एक कॉपी बैंक की ब्रांच में जमा करनी होगी। इसके बाद मृत व्यक्ति का नाम ज्वाइंट अकाउंट से हटा दिया जाएगा।
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