केन्द्र सरकार नेशनल सिक्युरिटी गार्ड के रीजनल हब को बनाएगी और मजबूत

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नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। देशकी विशिष्ट फोर्स एनएसजी.. नेशनल सिक्योरिटी गार्ड के रीजनल हब को और मजबूत बनाया जाएगा। रीजनल हब यानि एनएसजी के स्थानीय कमांड सेंटर जो देश के अलग अलग हिस्सों में मौजूद हैं।.फिलहाल एनएसजी मुख्यालय के अलावा देशभर में एनएसजी के पांच रीजनल हब हैं। ये रीजनल हब चेन्नई,कोलकाता,हैदराबाद, मुंबई और हाल ही में बनाए गए गांधीनगर में हैं..यहां एनएसजी मुख्यालय की तरह ही सारी सुविधा, उपकरण और फोर्स के जवान मौजूद रहते हैं..रीजनल हब को मजबूत बनाने का मकसद है कि अगर उन हब के आसपास के इलाकों में आतंकी वारदात हो तो तुरंत एनएसजी जरूरत पड़ने पर पहुंच उन शहरों में पहुंच सके.. इस मौके पर मौजूद गृह मंत्री राजनाथ सिंह का कहना था कि बदलते हालात में आतंकवादियों की रणनीति के मुताबिक एनएसजी भी अपने आप को बदल रही है और आतंकवादियों के हौसले पस्त कर रही है..मुंबई हमले और पठानकोट हमले में एनएसजी जी की भूमिका को गृह मंत्री ने सराहा।

दरअसल 2008 में मुंबई हमलों के बाद सरकार ने नेशनल सिक्युरिटी गार्ड के रीजनल हब को देश के अलग अलग हिस्सों में विकसित करने का फैसला लिया था..और सरकार की इसी योजना के तहत इन हब को विकसित किया गया..एनएसजी डीजी सुदीप लखटकिया ने इन हब को और ज्यादा बड़ी भूमिका की बात कही..न केवल आतंकवाद विरोधी आपरेशन में एनएसजी फोर्स को इस्तेमाल किया जाएगा बल्कि प्रदेश पुलिस को भी ये फोर्स ट्रेनिंग देगी कि आतंकवाद से निपटने के लिए एनएसजी की तरह की प्रदेश की विशेष फोर्स भी विकसित हो..हरियाणा सरकार की कवच फोर्स को एनएसजी की मदद से उसी तर्ज पर विकसित किया  गया है।

इसके अलावा इन्ही रीजनल हब की मदद से एनएसजी ने क्लोज्ड प्रोटेक्शन ग्रुप फोर्स का गठन किया है जो अति विशिष्ठ श्रेणी के लोगों की सुरक्षा करती है..एनएसजी की ये फोर्स फिलहाल गृहमंत्री और चार प्रदेश के सीएम को सुरक्षा मुहैया करवा रही है..एनएसजी के गठन के 34 सालों में अब तक इस फोर्स ने 115 एंटी टेरेरिस्ट आपरेशन चलाए हैं जिसमें 60 आतंकवादियों को मार गिराया गया है..सरकार ये भी मानती है कि एनएसजी रीजनल हब को मजबूत बनाने से इस विशिष्ट फोर्स की कार्यप्रणाली को और धार मिलेगी।

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