ड्रग के डार्कनेट बाजार के एक बहुत बड़े डील का खुलासा हुआ है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड गामागोबलीन होली स्पीरीट ऑफ असुर के करीब 15 हजार ब्लोट्स जब्त किया है। ड्रग की तस्करी के लिए डार्कनेट, सोशल मीडिया, वर्चुअल पहचान और क्रिप्टो करेंसी का सहारा लिया जा रहा था। कूरियर औऱ भारत पोस्ट के सहारे ड्रग की खेप सप्लाई हो रही थी। दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों से आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एनसीबी दिल्ली जोन द्वारा की गई इस कार्रवाई में ड्रग के डार्कनेट के बहुत बड़े डील का पर्दाफाश हुआ है। इसमें छात्रों को भी लिप्त किया गया था।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के उपमहानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह के मुताबिक एनसीबी ने 2021 में ड्रग डार्कनेट को ध्वस्त किया था जिसमें 47 मामले दर्ज हुए थे और 40 लोग गिरफ्तार किए गए थे। पिछले एक साल से एनसीबी ड्रग के डार्कनेट बाजार में फर्जी नामों से काम कर रहे लोगों की पहचान कर रही थी। इसके लिए एक एसआईटी का गठन किया गया था जिसने साइबर पेट्रोलिंग की मदद से डार्कनेट बाजार में ड्रग की डीलिंग करने वालों की पहचान का अभियान शुरू किया। इस सिलसिले में सबसे पहले गोवी निवासी एक छात्र को नोएडा की यूनिवर्सिटी से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने बताया कि विकर नाम के एक एप्प के जरिए एसएसडी का आर्डर दिया जा रहा था। इस आधार पर विकर एप्प पर ड्रग की डील कर रहे एक तस्कर की पहचान की गई। दिल्ली से भी एक लड़के को गिरफ्तार किया गया जिसके पास एलसीडी के 15 ब्लोट्स बरामद हुए। उसके घर की तलाशी में 650 ब्लोट्स और बरामद हुए। पूछताछ में उसने दिल्ली की एक लड़की के लिए काम करने की बात स्वीकार की।
एनसीबी ने वर्चुअल पहचान के साथ ड्रग की तस्करी करने वाली लड़की को गिरफ्तार कर लिया और उसकी निशानदेही पर जयपुर से डार्कनेट बाजार पर ड्रग तस्करी करने वाले एक औऱ शख्स को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से 9006 एसएसडी ब्लोट्स, 2.232 ग्राम आयातित गांजा और 4 लाख 65 हजार रु नकद बरामद किए गए। पूछताछ मेें पता लगा कि ड्रग की एक खेप पोस्ट के जरिए पुणे भेजी गई है। एसआईटी की टीम ने पुणे पहुंच कर डाक जब्त कर 5006 एलएसडी ब्लोट्स बरामद किए। इस दौरान नोएडा से दो और केरल से एक औऱ शख्स को गिरफ्तार किया गया।