ट्रेड फेयर में जाइए तो जरूर देखिए खादी मंडप ये हैं खासियतें

खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने इंटरनेशनल ट्रेड फेयर 2022 हाल नं. 3 में “खादी इंडिया” मण्डप आयोजित कर, भारत की बहुरंगी जातीयता, सांस्कृतिक विविधता, रंगीन बुनाई और पारंपरिक शिल्प को जैसे एक छत के नीचे ला दिया है।

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ट्रेड फेयर
खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने इंटरनेशनल ट्रेड फेयर 2022 हाल नं. 3 में “खादी इंडिया” मण्डप आयोजित कर, भारत की बहुरंगी जातीयता, सांस्कृतिक विविधता, रंगीन बुनाई और पारंपरिक शिल्प को जैसे एक छत के नीचे ला दिया है। खादी इंडिया मण्डप, सही मायने में "वोकल फॉर लोकल, लोकल टू ग्लोबल" के थीम को प्रासंगिक करता हुआ दिखाई देता है, जिसका उद्घाटन केंद्रीय मंत्री, एमएसएमई, नारायण राणे ने किया। इस अवसर पर भानु प्रताप सिंह वर्मा, राज्यमंत्री, एमएसएमई, भारत सरकार मनोज कुमार, अध्यक्ष- KVIC एवं बी. बी. स्वैन, सचिव- एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में किया। इस ‘खादी इंडिया मण्डप’ में देश भर से चयनित खादी संस्थाओं, पीएमईजीपी/आरईजीपी योजना के अन्तर्गत उद्यमों के माध्यम से खादी कारीगरों की विशाल भागीदारी के लिए 200 से भी अधिक स्टॉल स्थापित किये गए हैं, जो बेहतरीन दस्तकारी से निर्मित खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों को प्रदर्शित करते हैं। इस ‘खादी इंडिया मण्डप’ के थीम पवेलियन में महात्मा गांधी जी और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के साथ “सेल्फी पॉइंट” भी सभी आगंतुकों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। थीम मंडप में खादी के मुख्य क्षेत्रों, यानी ग्रामीण अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे, युवाओं की भागीदारी और वैश्विक पहुंच को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण "आत्मनिर्भर भारत" के पांच स्तंभों के रूप में दर्शाया गया है। चरखा कताई गतिविधि, मिट्टी के बर्तन व अन्य सामान निर्माण, अगरबत्ती निर्माण, इत्यादि आदि का जीवंत-प्रदर्शन खादी इंडिया मण्डप में किया जा रहा है, ताकि युवाओं को स्वरोजगार गतिविधियों को अपनाने के लिए शिक्षित और प्रेरित किया जा सके और वे 'नौकरी खोजने के बजाय नौकरी प्रदाता' बन सकें। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) योजना के तहत विनिर्माण/ सेवा इकाइयों की स्थापना के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए एक विशेष ‘सुविधा डेस्क’ भी स्थापित की गई है खादी इंडिया मण्डप में प्रीमियम खादी वस्त्रों की एक श्रृंखला जैसे; पश्चिम बंगाल का मलमल, जम्मू-कश्मीर की पश्मीना, गुजरात का पटोला रेशम, बनारसी रेशम, भागलपुरी रेशम, पंजाब की फुलकारी, आंध्र प्रदेश की कलमकारी, आन्ध्र प्रदेश के पांडुरू में निर्मित खादी और कई अन्य प्रकार के सूती, रेशमी और ऊनी उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं। खादी कारीगरों द्वारा ग्रामीण वातावरण में उत्पादित ग्रामोद्योगी उत्पादों की भी विस्तृत श्रृंखला आगंतुकों को इस मण्डप में आकर्षित कर रही है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि खादी इंडिया मण्डप में प्रदर्शित “ नये भारत की नई खादी “ के उत्पाद माननीय प्रधानमंत्री जी के दूरदर्शी नेतृत्व में "स्वदेशी" और "आत्मनिर्भरता" की दिशा में भारत की प्रगति का प्रतीक हैं। आईआईटीएफ में प्रदर्शित खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की विशाल विविधता भारत के घरेलू विनिर्माण क्षेत्र और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का संकेत देती है। यह खादी मण्डप देश भर के उत्कृष्ट खादी उत्पादों के साथ 27 नवम्बर तक खादी प्रेमियों एवं आगंतुकों को आकर्षित करता रहेगा I
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