स्टार्ट अप को ‘प्रौद्योगिकी भागीदार’ के रूप में शामिल करने के लिए प्रौद्योगिकी उप-मिशन को अमृत 2.0 के अंतर्गत मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया है। मिशन का उद्देश्य नवाचार और डिजाइन के माध्यम से विकसित होने के लिए जल/उपयोग किए गए जल क्षेत्र में स्टार्ट अप को सशक्त बनाना है जो सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा और रोजगार के अवसर पैदा करेगा। इस पहल के अंतर्गत, सरकार 100 स्टार्ट अप का चयन करेगी, जिन्हें अनुदान सहायता के साथ-साथ मेंटरशिप के रूप में 20 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे।
केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य (एमओएचयूए) तथा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंत्रालय के अटल मिशन कायाकल्प और शहरी परिवर्तन (एएमआरयूटी-अमृत) 2.0 के अंतर्गत ‘इंडिया वाटरपिच-पायलट-स्केल स्टार्ट-अप चैलेंज’ का शुभारंभ किया। 1 अक्टूबर, 2021 को प्रधानमंत्री द्वारा अमृत 2.0 के औपचारिक शुभारंभ, 5 अक्टूबर, 2021 को लखनऊ में (एमओएचयूए के आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के दौरान) और 12 अक्टूबर, 2021 को मिशन की कैबिनेट की मंजूरी के बाद हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद इसका आरंभ हो रहा है।
एमओएचयूए ने स्टार्टअप, युवा इनोवेटर्स, उद्योग भागीदारों, इन्क्यूबेटर्स और राज्यों/शहरों को अपनी तरह का पहला नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म प्रदान करने के लिए इंडिया हैबिटेट सेंटर में आज ‘इंडिया वाटर पिच-पायलट-स्केल स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव’ का आयोजन किया। कॉन्क्लेव के दौरान, केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री ने माईगव प्लेटफॉर्म पर स्टार्टअप चैलेंज का शुभारंभ किया था।
इस अवसर पर बोलते हुए, श्री पुरी ने स्टार्ट-अप द्वारा निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया और उन्हें सरकार के पूर्ण और सक्रिय समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप देश में काफी तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं और देश में यूनिकॉर्न की संख्या बड़ी तेज़ी से बढ़ गई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार की योजनाओं की सफलता काफी हद तक ईकोसिस्टम में हितधारकों और अन्य लोगों की भूमिका तथा योगदान पर निर्भर करती है। जल क्षेत्र में हितधारकों की प्रतिक्रियाएं सरकारी कार्यक्रम तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे जानते हैं कि वास्तव में इसकी क्या आवश्यकता है। श्री पुरी ने कहा कि अमृत 2.0 एक परिवर्तनकारी और अनूठी योजना है, जिसमें 2.77 लाख करोड़ रुपये से अधिक का विशाल परिव्यय है। उन्होंने कहा कि यह योजना देश में जल सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, इसकी परिवहन लागत को कम करेगी, भूजल प्रदूषण को कम करेगी और जल उपयोग क्षमता को बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि मिशन की सफलता के लिए स्टार्ट-अप को -नवीन विचारों, प्रौद्योगिकी, नवीन वितरण तंत्र आदि को लाकर एक सार्थक भूमिका निभानी होगी।
योजना के शुभारंभ के बाद आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर का एक वीडियो संदेश प्रसारित किया गया। श्री किशोर ने कहा कि स्टार्टअप्स को प्रौद्योगिकी उप-मिशन के अंतर्गत भागीदार बनने के लिए आमंत्रित करना एक आशा अनुरूप पहल है जो देश में शहरी जल समस्याओं को हल करने में मदद करेगी।
एमओएचयूए के सचिव, मनोज जोशी ने कहा कि स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए जल प्रबंधन के प्रति जागरूकता जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में शहरी जल प्रबंधन से संबंधित बहुत बड़े मुद्दे हैं और सभी को उनके समाधान के लिए बेहतर तकनीक की जरूरत है। उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप को नवीन तकनीकों के साथ आगे आना होगा जिससे शहरी जल के बेहतर प्रबंधन में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप को बेहतर पहचान मिलेगी, क्योंकि सरकार उपयोगकर्ताओं की पहुंच के लिए स्टार्ट-अप और उनकी सिद्ध प्रौद्योगिकियों की सूची अपने पोर्टल पर रखेगी।
एमओएचयूए में अपर सचिव और अमृत मिशन निदेशक डी. थारा, विभिन्न राज्य सरकारों के अधिकारियों और एमओएचयूए के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने कॉन्क्लेव में भाग लिया। देश के विभिन्न हिस्सों में जल क्षेत्र में लगे कई स्टार्ट-अप ने नवीन विचारों और अत्याधुनिक तकनीकों के साथ अपनी प्रस्तुतियाँ दीं।