Election News-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हालिया दक्षिण भारत की यात्राओं को आपने गौर से पढ़ा सुना और देखा है क्या। जाहिर है कि पीएम मोदी की हालिया दक्षिण भारत की यात्राओं से आपको भी अंदाजा हो गया होगा कि मोदी मैजिक दक्षिण भारत में भी सिर चढ़ने लगा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा चुनाव के पूर्व उन क्षेत्रों में लगातार दौरा कर रहे हैं जहां भाजपा कुछ कमजोर लग रही है।
Election News-सिर्फ दौरा नहीं रैली, जनसभा और नारों से मोदी मैजिक का असर
पीएम मोदी ना केवल दौरा कर रहे हैं बल्कि हजारों करोड़ की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास के साथ रोड शो एवं जनसभाओं को संबोधत करके,’अबकी बार चार सौ पार” और “एक बार फिर मोदी सरकार” का नारा लगाकर भाजपा व राजग के पक्ष में एक वातावरण बना रहे हैं। ऐसे समय में विपक्ष खासकर कांग्रेस के नेता एक एक कर पार्टी छोड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन 400 पार को कुछ सीमा तक सरल बनाने का कार्य कर रहे है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण के राज्यों मे भाजपा की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व दक्षिणी राज्यों के उन सभी मंदिरों का दर्शन किया था जिनका सम्बन्ध राम या रामायण से है। काशी में दो बार आयोजित काशी तमिल संगमम इसका प्रमाण है।
प्रधानमंत्री मोदी तमिलनाडु में लगातार जनसभाएं कर रहे हैं जिनमें वह द्रमुक के भ्रष्टाचार और घोटालों को लेकर काफी मुखर रहे हैं और वहीं द्रमुक नेताओं के सनातन विरोधी बयानों को भी मुददा बना रहे हैं। तमिलनाडु में प्रधानमंत्री मोदी की जनसभाओं में ऐतिहासिक भीड़ उमड़ रही है । तमिलनाडु भाजपा ने घर- घर कमल पहुंचाने के लिए पदयात्रा भी निकाली है।
दक्षिण का दूसरा सबसे बड़ा किला आंध्र प्रदेश भाजपा के लिए सदा कठिन रहा हे किंतु इस बार भाजपा ने अपने पुराने सहयोगियों पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलुगूदेसम और पवन कल्याण की पार्टी जनसेना के साथ हाथ मिला लिया है। आंध्र में जगन मोहन रेडडी भी भाजपा से समझौता करना चाह रह थे और वह दिल्ली भी आये थे किंतु चर्च प्रेरित नीतियों के कारण उनकी भाजपा से बन नहीं पाई जबकि संसद में उनकी पार्टी सरकार के पक्ष में ही मतदान करती रही है।
अब राज्य में एनडीए गठबंधन बहुत मजबूत हो चुका है और जगन मोहन रेडडी के कई सांसद- विधायक व नेता मोदी लहर में पाला बदल रहे हैं । अब इस बात की प्रबल संभावना है कि आंध्र में जगनमोहन रेडडी के खिलाफ हवा चलेगी और राजग गठबंधन को अच्छी संख्या में सीटें मिलेंगी। राज्य में स्थानीय स्तर पर भाजपा संगठन काफी सक्रिता दिखा रहा है। तेदेपा के साथ गठबंधन करने का असर तेलंगाना जैसे राज्यों में भी दिखाई पडे़गा।
जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी है तब से केरल पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। भाजपा की रैलियों में भारी भीड़ आ रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक जनसभा में ये भविष्यवाणी कर सभी दलों को चौंका दिया है कि इस बार केरल में भाजपा डबल डिजिट में सफलता प्राप्त करने जा रही है।
भाजपा केरल में अपना वोटबैंक बढ़ाने के लिए लगातार कार्य कर रही है। नारी सशक्तीकरण की धार को मजबूत करने के लिए धाविका पी टी ऊषा को राज्यसभा में मनोनीत किया और उसके बाद पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी के बेटे अनिल एंटनी भाजपा में शामिल हो गये। केरल में चार बार मुख्यमंत्री रहे के करुणाकरण की बेटी पद्मजा वेणुगोपालन भाजपा में शामिल हो गयी हैं।
पद्मजा वेणुगोपालन का भाजपा में आना भाजपा के लिए एक बहुत बड़ा बूस्टर माना जा रहा है। करुणाकरण चार बार मुख्यमंत्री रहे हैं और उनके परिवार का केरल की राजनीति में दबदबा रहा है। पद्मजा ने भाजपा में शामिल होते समय कांग्रेस नेतृत्व पर जो गंभीर आरोप लगाये उससे कांग्रेस की छवि को गहरा नुकसान पहुंच रहा है और राज्य इकाई में भगदड़ की स्थिति बन रही है।
इस बार केरल की तिरुवअनंतपुर में शशि थरूर की सीट भी फंस सकती है जबकि वायनाड में राहुल गांधी के खिलाफ वामपंथियों ने अपना उम्मीदवार उतार दिया है। यही नहीं कम्युनिस्टों का कहना है कि इस बार यदि राहुल गांधी वायनाड सीट हार जाते हैं तो राज्य में कांग्रेस का संपूर्ण सफाया हो जाएगा और आने वाले दिनों में केरल में केवल भाजपा और कम्युनिस्टों में ही सीधा मुकाबाला देखने को मिलेगा।