दिल्ली पुलिस ने अपनाया यह सिस्टम बदल गई बीट पुलिसिंग की परिभाषा

0
758

नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। दिल्ली पुलिस ने एक ऐसा सिस्टम अपना लिया जिसकी वजह से ना केवल पुलिस स्मार्ट हो गई है बल्कि क्राइम, क्रिमिनल, ट्रैफिक और तो और किराएदार- नौकर पहचान जांच अभियान ने भी रफ्तार पकड़ने के साथ-साथ स्मार्ट पुलिसिंग के नए आयाम तय कर लिया है। इस सिस्टम की वजह से दिल्ली के विभीन्न बीट में अब तक 42 बदमाश गिरफ्तार किए जा चुके हैं, 18968 लोगों के चेहरे फेसियल रिकॉग्निशन सिस्टम के तहत् स्कैन किए जा चुके हैं। यही नहीं इस सिस्टम से 71936 किराएदारों और 72647 नौकरों की पहचान जांच भी की जा चुकी है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव की पहल पर यह सिस्टम 15 अगस्त 2020 को अपनाया गया था। इस सिस्टम का नाम ई-बीट प्रणाली है। उपरोक्त आंकड़े 23 मार्च 2021 तक के हैं।

कोरोना महामारी के तमाम प्रतिबंधों के बावजूद क्राइम, क्रिमिनल, लॉ एंड आर्डर, ट्रैफिक, खुफिया जानकारी एकत्र करने और शिकायत निवारण को मजबूत बनाने के उद्देश्य से ई-बीट बुक प्रणाली को अपनाया गया था। इसका सीधा मकसद बीट अफसरों को डिजिटल शक्ति युक्त बनाने का था।

दिल्ली पुलिस में पुलिसिंग का सबसे छोटा यूनिट बीट है। हरेक पुलिस स्टेशन में 3-4 बीट अफसर होते हैं जिनके जिम्मे ग्राउंड पुलिसिंग होती है। 15 अगस्त को अपनाई गई ई-बीट प्रणाली 178 पुलिस थानों के 822 डीवीजन के 1752 बीट को कवर करती है। इसके पहले बीट की तमाम जानकारियां पेपर बीट बुक में होती थी जिसे बीट पर काम करने वाले बीट कांस्टेबल को साथ रखना होता था। बीट से संबंधित तमाम जानकारी अब इलेक्ट्रानिक तरीके से संचित की गई है। इस वजह से बीट पुलिसिंग में आमूल चूल परिवर्तन आया है। इलेक्ट्रानिक रूप से समेटे गए तमाम आंकड़े दिल्ली पुलिस के सीसीटीएन, ईआरएसएस-112, जिपनेट, डोजियर और फेशियल रिकाग्निशन सिस्टम से जुड़े हुए हैं।

ई-बीट बुक एप्प ग्राउंड स्तर पर पुलिस की कार्यप्रणाली को सहायता भी करती है और जुटाए गए आंकडो को अभिप्रमाणित भी करती है। बीट स्तर के पुलिसकर्मी इसकी मदद से जेल से जमानत पर बाहर आए बदमाशों, घोषित अपराधियों, चोरी की गाड़ियों के बारे में तमाम जानकारी वास्तविक समय पर जुटा सकते हैं। केंद्रीयकृत डाटाबेस की सहायता से यह जानकारी पुलिसिंग में ठोस आयाम दे रही है। इसकी मदद से किराएदार और नौकरों की पहचान जांच में भी मदद करती है। यही नहीं इसकी मदद से आवश्यकता के मुताबिक पेट्रोलिंग की रणनीति तैयार की जा रही है।

दिल्ली पुलिस में बीट अफसर पुलिस औऱ आम आदमी के बीच की सबसे अहम कड़ी है। उसके जिम्मे क्राइम की रोकथाम से लेकर इलाके की कानून और व्यवस्था का जिम्मा होता है। जाहिर है पुलिस की सारी कामयाबी काफी हद तक बीट पर निर्भर होती है, जिसके जिम्मे कई सारे काम होते हैं। बीट बुक में बीट का नक्शा, दर्ज अपराधों की सूचना, संवेदनशील स्थानो के बारे में जानकारी से लेकर इलाके की हर छोटी बड़ी जानकारी दर्ज होती है। यहां तक की इसी बीट बुक में क्षेत्र में रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों के बारे में भी सारी जानकारी दर्ज होती है।

ई-बीट बुक की मदद से अपराधों की रोकथाम से लेकर मामलों को सुलझाने तक में कामयाबी मिलती है। जाहिर है इस सिस्टम ने दिल्ली में पुलिसिंग के मायने बदल दिए हैं।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now