Benefits of Surya namaskar-आध्यात्मिक रूप से सूर्य नमस्कार के हजारों फायदे गिनाए गए हैं, अगर इसे रोजाना सुबह की आदत बना लिया जाए तो सेहत के लिए कई लाभ मिलते हैं। यह एनर्जी बूस्ट करने के साथ साथ लचीलापन भी बढ़ाता है। योग विशेषज्ञों का मानना है कि सूर्य नमस्कार के कम से कम दो आसनो को दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।
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Benefits of Surya Namaskar in Hindi-सूर्य नमस्कार के लाभ
माना जाता है कि सूर्य नमस्कार का सबसे अच्छा समय सूर्योदय से पहले का होता है। यह शारीरिक और मानसिक शक्ति, शरीर पर नियंत्रण, मन की शांति, उर्जा के संतुलन क बनाए रखने के लिए सबसे कारगर अभ्यास है।
वैसे तो सूर्य नमस्कार 12 आसनों का संयोजित क्रम है। यह शरीर के सभी अंगो को लक्षित करके सेहत के कई तरह के जोखिम को कम करने में मददगार होता है। यह आसन सभी उम्र के लोगों के लिए कारगर माने गए हैं। विभिन्न प्रकार के अध्ययनों में भी पाया गया है कि फिटनेस को बेहतर बनाए रखने और कई प्रकार की बीमारियों से बचाव के लिए सूर्य नमस्कार का निरंतर अभ्यास मददगार होता है।
प्रणामासन

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यह आसन सबसे आसान मगर सर्वाधिक कारगर माना जाता है। शांत बैठकर किया जाने वाला यह अभ्यास तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने, पाचन में सुधार करने, शरीर की मुद्रा को ठीक बनाए रखने और मानसिक शांति के लिए मददगार हो सकता है। विशेषकर मानसिक स्वास्थय के लिए इस आसन को कारगर माना गया है। सेंडेटरी लाइफ स्चाइल के कारण जिन लोगों को शारीरिक मुद्रा की समस्या है उन्हें यह आसन करना चाहिए।
ताड़ासन

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ताड़ासन को माउंटेन पोज या पर्वतासन योग के नाम से भी जाना जाता है। खड़े होकर किया जाने वाला यह अभ्यास शारीरिक मुद्रा को ठीक रखने औऱ रक्त प्रवाह को सुचारू करने के लिए काफी लाभदायक है। पीठ कुल्हों और पैरों को मजबूत करने मे भी इस आसन का कारगर योगदान है।
भुजंगासन

भुजंगासन योग या कोबारा पोज को शारीरिक और मानसिक दोनों के लिए बेहतर माना गया है। यह रीढ़ को मजबूत करता है। यह छाती और फेफड़ो के साथ कंधो और पेट के अंगो को बेहतर स्ट्रीचिंग करने में भी मददगार है। तनाव और थकान में भी इस तरह के अभ्यास को आजमाया जा सकता है।
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