Sri Ram Mandir-अयोध्या में श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन का सबको बेसब्री से इंतजार है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भूमि पूजन के साथ मंदिर निर्माण का शुभारंभ करेंगे। इस बीच मोदी की 30 साल पुरानी एक तस्वीर चर्चा में है। हो भी क्यों ना इस तस्वीर से जुड़ी कहानी है ही ऐसी की जो जानेगा वह मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति और संकल्प का कायल हो जाएगा।
Sri Ram Mandir
मोदी इससे पहले 1991 में अयोध्या गए थे, तब विवादित ढांचा मौजूद था। उस वक्त बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी भी मोदी के साथ मौजूद थे। उस वक्त जोशी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। 1991 में ही जोशी ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक एकता यात्रा का आह्वान किया था, जिसका समापन श्रीनगर के लालचौक पर तिरंगा फहराने के साथ हुआ था।
1991 में विवादित ढांचे के ठीक नीचे एक स्टूडियो हुआ करता था। इस स्टूडियो का नाम रामलला पर ही था। इस स्टूडियो को चलाने वाले महेंद्र त्रिपाठी की आंखों में आज भी उन दिनों की याद करते हुए चमक आ जाती है। त्रिपाठी बताते हैं कि तब बीजेपी के ये दोनों नेता विवादित ढांचे के भीतर रामलला का दर्शन करने आए थे। त्रिपाठी को उस वक्त मोदी से बात करने का मौका मिला था। तब त्रिपाठी ने मोदी से पूछा था कि वो दोबारा अयोध्या कब आएंगे, तब उनका जवाब था कि जब राम मंदिर बनने का संकल्प पूरा होगा, अब तभी वे आएंगे।उन दिनों त्रिपाठी अयोध्या में होने वाली हर हलचल की फोटो खींचा करते थे। चाहे वो अयोध्या में आने वाले वीवीआईपी हों या फिर आंदोलन से जुड़ी कोई भी घटना। त्रिपाठी न सिर्फ उन ऐतिहासिक लम्हों की फोटो खींचने वाले शख्स हैं बल्कि अयोध्या से जुड़े मुकदमे में अहम गवाह भी रहे। मोदी और जोशी की ऐतिहासिक तस्वीर के अलावा भी कई तस्वीरों में लालकृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार जैसे नेताओं को देखा जा सकता है।त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री मोदी से भावुक अपील करते हुए कहा कि 1991 में जब वो रामलला का दर्शन करने आए तो उस वक्त की एकमात्र ऐतिहासिक तस्वीर उन्हीं के पास ही मौजूद थी, और अब वो जब फिर राम मंदिर का भूमि पूजन करने आ रहे है तो फिर दुनिया उस लम्हे की गवाह बनेगी। त्रिपाठी ने इच्छा जताई कि वो फिर इस मौके की तस्वीर लेने के अलावा खुद प्रधानमंत्री से मिलना भी चाहते हैं।