salman khan firing case –सलमान खान के घर हुई फायरिंग ने गैंगस्टरों के सोशल मीडिया इस्तेमाल पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच में मालूम चल रहा है कि सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर पूरी साजिश रची गई थी। वारदात करने के बाद डिजिटल प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर गैंगस्टर के भाई अनमोल विश्नोई ने जिस तरह सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर खुद को महिमामंडित करने की चेष्टा की वह चिंतनीय है। हालांकि देश भर की पुलिस गैंगस्टरों के सोशल मीडिया इस्तेमाल के खिलाफ पहले ही सख्त कार्रवाई शुरू कर चुकी है।
salman khan firing case-गैंगस्टरों के सोशल मीडिया अकाउंट हो रहे हैं बंद
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच गैंगस्टरों के सोशल मीडिया अकाउंट को बंद कराने की कार्रवाई पहले ही शुरू कर चुकी है। अब तक सवा सौ से ज्यादा अकाउंट बंद करवाए जा चुके हैं। दरअसल सोशल मीडिया पर गैंगस्टरों के महिमामंडन से प्रभावित होकर नए उम्र के युवा प्रभावित हो रहे हैं। गैंगस्टरों के साथियों से पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि नए युवाओं को क्राइम में धकेलने का यह माध्यम बनता जा रहा है।
इसके बाद से ही बदमाशों के सोशल मीडिया खातों को बंद कराने की कार्रवाई शुरू हो गई है। गैंगस्टर के नाम से ऑपरेट हो रहे कई सोशल मीडिया अकाउंट, फर्जी नंबर व ईमेल से बनाए गए हैं। यह खुलासा विदेश से ऑपरेट करने वाले गैंगस्टर की जांच के सोशल मीडिया अकाउंट की जांच में हुआ है। दरअसल विदेश से ऑपरेट करने वाले गैंगस्टर और उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर केंद्रीय जांच एजेंसियां की पैनी नजर है।
इस काम के लिए संबंधित प्रदेश की जांच एजेंसी के साथ मिलकर काम भी कर रही है। ताकि इन गैंगस्टर से जुड़ी कोई भी लोकल इनपुट मिले तो उसके आधार पर पूरे नेटवर्क को खंगाला जा सके। इस बात के मद्देनजर पिछले कुछ महीनों में पुलिस ने ऐसी करीब 250 से ज्यादा संदिग्ध अकाउंट की एजेंसियों ने जांच की है। जबकि करीब एक हजार से ज्यादा पर ऐसे अन्य संदिग्ध अकाउंट पर केंद्रीय एजेंसियों की पैनी नजर है।
इंटरपोल व अन्य विदेशी एजेंसियों के साथ समन्वय बनाकर खासतौर से विदेशों से गैंग को ऑपरेट करने वाले गैंगस्टरों के सोशल मीडिया अकाउंट पर शिकंजा कसा जा रहा है। केंद्रीय इंटेलीजेंस एजेंसी ने गैंगस्टरों के सोशल मीडिया अकाउंट को चिन्हित किया है। इस आधार पर देश भर के गैंगस्टर व इनके गुर्गो के नाम पर बनाए गए करीब एक हजार से ज्यादा अकाउंट रडार पर आ गए है।
इसमें से 250 के बारे में यह जानकारी मिल रही है कि इन अकाउंट को फरार गैंगस्टर व उनके गुर्गो के नाम से ऑपरेट किया जा रहा है। इसलिए जांच एजेंसियां केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से इन सोशल मीडिया अकाउंट के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी में हैं। केंद्रीय एजेंसियों की तकनीकी जांच और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से मिले सहयोग में यह बात सामने आई है कि ज्यादातर संदिग्ध सोशल मीडिया अकाउंट फर्जी नंबर व ईमेल से बनाए गए।
कुछ ऐसे नंबर भी हैं, जिनका ऑपरेशन हर कुछ दिनों में बदल रहा है। जबकि कुछ नंबरों का ऑपरेशन तो पिछले कई महीनों से बंद भी पाया गया है। हालांकि जांच के दौरान यह पता लगाने का प्रयास किया जा रह है कि इन नंबरों व ईमेल से में वर्तमान में किनका इस्तेमाल गैंगस्टर व इनके गुर्गे कर रहे हैं। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि इसमें से ज्यादातर सोशल मीडिया अकाउंट का ऑपरेशन देश के बाहर के सर्वर से हो रहा है।
ज्यादातर की लोकेशन बाहर की है और तकनीकी जांच में यह कहीं किसी देश की तो कभी किसी देश की आती है तो यह भी आशंका जताई जा रही है कि एजेंसियों से बचने के लिए इन अकाउंट का ऑपरेशन करने वाले लोकेशन हाईड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रहे होंगे। हालांकि यह जांच अभी जारी है। एजेंसियों की जांच जब फाइनल निष्कर्ष पर पहुंच जाएगी तो कुछ के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई भी की जाएगी।
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