Jharkhand-तस्करों के चंगुल से अब तक 10 हजार बच्चों को आजाद करवाने वाले बैजनाथ से मिलिए लाइव

Jharkhand-झारखंड की राजनीति की बेशक इस समय खूब चर्चा हुई हो। लेकिन झारखंड मानव तस्करी के लिए भी काफी चर्चित रहा है। लेकिन यहां कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने तस्करी के खिलाफ जंग नहीं बड़ा युद्ध लड़ा। ऐसे एक शख्स हैं बैजनाथ कुमार।

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Jharkhand-झारखंड की राजनीति की बेशक इस समय खूब चर्चा हुई हो। लेकिन झारखंड मानव तस्करी के लिए भी काफी चर्चित रहा है। लेकिन यहां कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने तस्करी के खिलाफ जंग नहीं बड़ा युद्ध लड़ा। ऐसे एक शख्स हैं बैजनाथ कुमार। पिछले दिनो झारखंड दौरे के दौरान मैंने बैजनाथ कुमार से बाल तस्करी पर बातचीत की। उनसे बातचीत को हमने यूटयूब पर तीन एपीसोड में डाला है। ये तीनो एपीसोड इस लेख में दिए गए हैं आप उन्हें क्लिक कर देखें।

Jharkhand-एक मासूम की आपबीती ने रोंगटे खड़े कर दिए

अब तक 10 हजार बच्चों को तस्करों से आजाद करवाने वाले बैजनाथ कभी खुद चाइल्ड लेबर थे। बताते हैं कि वह सरकारी स्कूल में पढ़ा करते थे।

episode-1

माता पिता की आर्थिक हालात अच्छे नहीं थे। सात साल की उम्र में उन्हें एडिमिनिस्ट्रिटेटीव ट्रेनिंग इंस्टीच्यूट के मेस में काम करना पड़ा था। बातचीत की पहली कड़ी में उन्होंने बताया है कि बच्चों को तस्करों के चंगुल से कैसे बचाएं।

पहली बार सुने बाल अधिकार की बात

जब बैजनाथ 18 साल के हुए तब देश में जुनायल जस्टिस एक्ट लागू किया गया था। प्रशासनिक अफसरों को जब इसके बारे में समझाया जा रहा था तो मेस ब्वाय होने के नाते बैजनाथ ने भी इसके बारे में सुना। उन्होंने तभी इसके बारे में जानकारी एकत्र की और उसे नोट कर लिया। मेस में उनकी नौकरी परमानेंट करने पर वादा खिलाफी हुई तो उन्होंने खुद को आग लगाने की धमकी दी। इस मामले में उन्हें गिरफ्तार भी किया गया।

episode-2

वादा खिलाफी के बाद बैजनाथ के पास दूसरी नौकरी के सिवा कोई उपाय नहीं था। वह कोर्ट में फोटो कॉपी की दुकान पर काम करने लगे। यहां वकीलो से बातचीत होती। एक वकील की सलाह पर उन्होंने एनजीओ के नियमों की प्रति का इंतजाम किया। बातचीत की दूसरी कड़ी में बैजनाथ ने दिल्ली से छुड़ाई गई एक बच्ची की दर्दनाक दास्तां के बारे में बताया है।

episode-3

बैजनाथ ने 2004 में सेवा संस्थान की स्थापना महिलाओं और बच्चों को शिक्षित करने के मकसद से की। उन्हें बच्चों को पढाने का प्रोजेक्ट भी मिला। इस बीच उन्हें बात तस्करी के गंदे खेल के बारे में पता लगा। बस वह झारखंड सीआईडी के संपर्क में आए और बाल तस्करी के खिलाफ उनकी जंग शुरू हो गई। तीसरे एपीसोड में कुख्यात बाल तस्कर पन्नालाल पर शिकंजा कैसे कसा गया इस बारे में बैजनाथ ने विस्तार से बात की है।

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