हनुमान जी की पूजा के हैं कई लाभ कुछ इस तरह करें पूजा

संसार में ऐसा कोई नहीं जिसे हनुमान जी की महता ना मालूम हो। बजरंग बली की पूजा (bajrang bali ki puja) से व्यक्ति हर प्रकार के भय से मुक्त हो जाता है। मंगलवार तो श्रीराम (Bhagwan Shri ram) भक्त हनुमान को पूरी तरह समर्पित है।

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Hanuman ji ki puja – संसार में ऐसा कोई नहीं जिसे हनुमान जी की महता ना मालूम हो। बजरंग बली की पूजा (bajrang bali ki puja) से व्यक्ति हर प्रकार के भय से मुक्त हो जाता है। मंगलवार तो श्रीराम (Bhagwan Shri ram) भक्त हनुमान को पूरी तरह समर्पित है। हनुमान जी(Hanuman ji) को बजरंग बली(Bajrang bali), संकट मोचन (sankat mochan), पवन पुत्र (Pawan Putra) आदि नाम से भी जाना जाता है। हनुमान जी एक ऐसे देवता हैं जो कलियुग में भी विद्यमान हैं। हुमान जी की पूजा करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। हिंदू धरम के सबसे जाग्रत औऱ सर्व शक्तिशाली देवता हैं पवन पुत्र।

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हनुमान जी की पूजा के प्रत्यक्ष लाभ

जब आप इनकी पूजा करते हैं तो भूत पिशाच जैसी बाधाएं आपसे दूर रहती हैं। किसी अंजान व्यक्ति या शक्ति से डर लग रहा हो तो हुमानजी का नाम जपना ही काफी है। नाम के जपने से आदमी भय मुक्त हो जाता है। इस तरह की बाधा से ग्रस्त व्यक्ति को बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। फैक्ट्री या व्यवसायिक प्रतिष्ठान पर इस तरह की बाधाओं को दूर रखने के लिए छत पर हनुमान ध्वज लगाना चाहिए। हनुमान जी की पूजा करने से शनि समेत सभी ग्रह बाधाओं से भी मुक्ति मिलती है। रोग और शोक की हालत से निपटने के लिए भी बजरंग बली की पूजा को असरकारक माना गया है। इसके अलावा कोर्ट कचहरी जेल आदि की बाधाओं को भी संकटमोचन दूर करते हैं। मंगलदोष में पवन पुत्र की पूजा राहत देती है। इसके अलावा कर्ज से मुक्ति, नौकरी रोजगार, तनाव या चिंता की स्थिति में भी बजरंग बली की पूजा ही मददगार है।

पूजा के इन नियमों को रखें याद (Hanuman ji ki puja ke niyam)

हनुमान जी की पूजा सुबह या शाम में ही करना चाहिए। पूजा में इस्तेमाल किए जाने वाले फूलो का रंग हमेशा लाल होना चाहिए। पूजा का अनुष्ठान मंगलवार से ही शुरू करें। मंगलवार के दिन पूजा करने वालों को मांस मदिरा का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। पूजा में चरणामृत का विधान नहीं है।

डिस्क्लेमर

”इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।”

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