हथियार तस्कर का एक और सिंडिकेट दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में, 15 पिस्टल 30 कारतूस बरामद

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हथियार तस्कर

हथियार तस्कर का एक और सिंडिकेट दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के हत्थे चढ़ा है। पुलिस ने इस सिंडिकेट के दो लोगों को गिरफ्तार कर 15 पिस्टल और 30 कारतूस बरामद किए हैं। गिरफ्तार लोगों की पहचान शाकिर और जुनैद के रूप में हुई है।

हथियार तस्कर से बरामद पिस्टल

स्पेशल सेल के डीसीपी जसमीत सिंह के मुताबिक हथियार तस्करों को सुरजकुंड टर्निंग प्वायंट के पास से दिरफ्तार किया गया।  दोनों मध्य प्रदेश में खरगोन के हथियार निर्माताओं सह आपूर्तिकर्ताओं से आग्नेयास्त्रों और गोला-बारूद की खरीद में शामिल हैं और पिछले 3 वर्षों से दिल्ली एनसीआर, हरियाणा, पंजाब और यूपी में अपराधियों को इसकी आपूर्ति कर रहे हैं।

स्पेशल सेल की एक टीम को सिंडिकेट के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर मेवात (हरियाणा) स्थित शाकिर द्वारा चलाए जा रहे दिल्ली एनसीआर में ऐसे ही एक आग्नेयास्त्र सिंडिकेट की आग्नेयास्त्रों की तस्करी गतिविधियों के बारे में जानकारी थी। इस संबंध में सिंडिकेट के सदस्यों की गतिविधियों के बारे में अधिक जानकारी जुटाने के लिए गुप्त सूत्रों को तैनात किया गया था। दो महीने से अधिक के निरंतर प्रयासों के बाद, 25 अक्टूबर को एसआई देवेंद्र भाटी को एक विशेष सूचना मिली कि शाकिर शाम 4 बजे से शाम 5 बजे के बीच सूरजकुंड टर्निंग एमबी रोड, दिल्ली के पास जुनैद खान को पिस्टल और गोला-बारूद की आपूर्ति करने के लिए आएगा।

इस सूचना के आधार पर एसीपी अत्तर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह के नेतृत्व में एसआई देवेन्द्र भाटी, सतविंदर, रंजीत, हवलदार अमित कांस्टेबल सचिन की टीम बनाकर उपरोक्त स्थान पर जाल बिछाया गया। जैसे ही संदिग्ध तरीके से दो लोगों में बैग का आदान प्रदान हुआ पुलिस ने उन्हें दबोच लिया।  तलाशी में दोनों के पास से .32 की 15 सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल और 30 जिंदा कारतूस बरामद हुए, शाकिर के पास से 10 पिस्टल, 30 जिंदा कारतूस और जुनैद खान के पास से 5 पिस्टल बरामद हुए।
पूछताछ के दौरान शाकिर ने खुलासा किया है कि उसने बरामद पिस्टल और कारतूस मप्र के खरगोन के एक अवैध हथियार निर्माता से खरीदे थे। उसने आगे खुलासा किया है कि वह जुनैद खान सहित अपने अन्य सहयोगियों के साथ पिछले 3 वर्षों से दिल्ली एनसीआर, हरियाणा, पंजाब और यूपी में अवैध पिस्टल और गोला-बारूद की आपूर्ति में लिप्त है। उसने यह भी खुलासा किया है कि करीब 7 साल पहले उसे पास के गांव के एक व्यक्ति ने अपने हथियारों की तस्करी सिंडिकेट से जोड़ा था। प्रारंभ में, शाकिर ने उसके लिए 3 साल तक कोरियर के रूप में काम किया, लेकिन बाद में उसने हथियारों की तस्करी का अपना नेटवर्क विकसित किया। जुनैद खान ने खुलासा किया है कि शाकिर ने उसे अपने सिंडिकेट में शामिल होने और हथियारों की तस्करी गतिविधियों में मदद करने के लिए लालच दिया था। आसान पैसे की लालच में जुनैद खान को शाकिर के साथ उसकी अवैध आग्नेयास्त्रों की तस्करी गतिविधियों में शामिल होना पड़ा।

हथियार तस्कर शाकिर ने आगे खुलासा किया है कि वह एमपी से एक पिस्टल 8-10 हजार रुपये में प्राप्त करता था।  जुनैद खान को वह पिस्टल 15 हजार रुपये की राशि में बेच देता था। जुनैद खान एक पिस्टल को 25-30 हजार रुपये में बेचता था। यह भी पता चला है कि गिरफ्तार दोनों व्यक्तियों ने पिछले 3 वर्षों के दौरान दिल्ली एनसीआर में 400 से अधिक हथियार की आपूर्ति की है।

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