लॉरेंस बिश्नोई गैंग का गुर्गा धरा गया, तीन साल से था फरार

लॉरेंस बिश्नोई गैंग का गुर्गा दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ा है। वह तीन साल से फरार था। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के हाथो गिरफ्तार इस गुर्गे की पहचान योगेश उर्फ हिमांशु उर्फ गोघा के रूप में हुई है।

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लॉरेंस बिश्नोई

लॉरेंस बिश्नोई गैंग का गुर्गा दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ा है। वह तीन साल से फरार था। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के हाथो गिरफ्तार इस गुर्गे की पहचान योगेश उर्फ हिमांशु उर्फ गोघा के रूप में हुई है। वह अंतरिम जमानत पर बाहर आया था औऱ तभी से फरार था। हत्या की चेष्टा के एक मामले में उसे सजा भी हो चुकी है। उसके खिलाफ 16 केस दर्ज हैं।

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के डीसीपी आलोक कुमार के मुताबिक एसीपी अत्तर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर सतविंदर सिंह और रंजीत सिंह की टीम ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गे योगेश को एक एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार किया। उसके पास से एक .32 बोर की सेमी आटोमेटिक पिस्टल भी बरामद की गई है। पुलिस को खुफिया सूचना मिली थी कि योगेश बाहरी दिल्ली या आसपास छिपा है। 22 मई को सूचना मिली की वह ब्रितानिया चौक फ्लाई ओवर के पास आएगा। इस सूचना के आधार पर इंस्पेक्टर रंजीत सिंह के नेतृत्व में एसआई जसविंदर, हेडकांस्टेबल नवीन, धीरज, हरविंदर और कांस्टेबल राजेश की टीम बनाई गई। पुलिस ने पैदल ही चल रहे योगेश को सरेंडर करने के लिए बोला तो उसने पिस्टल निकालकर पुलिस टीम के उपर फायर कर दिया। पुलिस ने किसी तरह उस पर काबू पा लिया। तलाशी में उसके पास से सेमीआटोमेटिक पिस्टल बरामद किया गया।

पूछताछ में योगेश उर्फ हिमांशु ने लूटपाट, डकैती, हत्या की चेष्टा जैसे 16 मामलो में लिप्त होने की बात स्वीकार की है। नरेला में हुए हत्या की चेष्टा के मामले में उसे 2019 में चार साल की सजा हुई । जून 2020 में उसे 45 दिन की अंतरिम जमानत मिली। इसके बाद से ही वह फरार था। लॉरेंस बिश्नोई-गोगी गैंग का सक्रिय सदस्य होने की बात भी उसने स्वीकार की है। विश्नोई गैंग के कई गुर्गे गिरफ्तार हो चुके हैं मगर कई राज्यों में उसके गैंग के फैले होने की वजह से अभी कईयों की गिरफ्तारी होनी है।

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