नई दिल्ली, आलोक वर्मा। कोरोना के खिलाफ जारी जंग के दौरान श्रमिकों और अन्य मुद्दों पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कई कदम उठाए हैं। राज्यों को जारी विभिन्न दिशा निर्देशों में ट्रेनों और श्रमिक ट्रेनों की आवाजाही शामिल है।
ट्रेन के लिए एसओपी
केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने ट्रेन से लोगों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए मानक परिचालन प्रोटोकॉल (एसओपी) जारी किया है।
केवल कन्फर्म ई-टिकट पर ही यात्रियों की आवाजाही और रेलवे स्टेशन में उनके प्रवेश की अनुमति होगी। सभी यात्रियों की अनिवार्य चिकित्सा जांच (स्क्रीनिंग) होगी। केवल ऐसे व्यक्तियों को ही ट्रेन में चढ़ने की अनुमति होगी जिनमें इस रोग का कोई भी लक्षण नहीं होगा। यात्रा के दौरान और रेलवे स्टेशनों पर स्वास्थ्य/स्वच्छता संबंधी प्रोटोकॉल एवं सामाजिक दूरी बनाए रखने के दिशा-निर्देश का सख्ती से पालन करना होगा।
सभी यात्रियों को स्टेशन पर एवं कोचों में प्रवेश और निकासी के स्थानों पर हैंड सैनिटाइजर दिया जाएगा। इसके अलावा, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी यात्री प्रवेश करने और यात्रा के दौरान फेस कवर/मास्क अवश्य ही पहनें। अपने गंतव्य पर पहुंचने पर संबंधित यात्रियों को उन स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करना होगा जो गंतव्य स्थान वाले राज्य/केंद्र शासित प्रदेश द्वारा निर्दिष्ट किए गए हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और गृह मंत्रालय के परामर्श से रेल मंत्रालय द्वारा ट्रेनों के आवागमन की अनुमति एक क्रमबद्ध तरीके से दी जाएगी।
श्रमिकों के लिए राज्यों से वीडियो कांफ्रेंस
केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) और रेल मंत्रालय ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिए प्रवासी श्रमिकों की आवाजाही पर आज सुबह एक वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित की। राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रमुख (नोडल) अधिकारियों ने इसमें भाग लिया।
इसकी सराहना की गई कि कल की 101 ट्रेनों सहित 450 से भी अधिक ट्रेनें कई लाख प्रवासी श्रमिकों को लेकर बाकायदा प्रस्थान कर चुकी हैं।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की गई एवं उनका निवारण किया गया और इसके साथ ही इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि प्रवासी श्रमिकों को यह आश्वासन दिया जाए कि घर जाने के इच्छुक सभी लोगों की यात्रा के लिए पर्याप्त संख्या में ट्रेनें चलाई जाएंगी। अगले कुछ हफ्तों तक प्रतिदिन सौ से भी अधिक ट्रेनों के चलने की उम्मीद है, ताकि फंसे हुए श्रमिकों को उनके मूल निवास स्थानों तक जल्द–से-जल्द पहुंचाया जा सके।
श्रमिकों के लिए निर्देश
मंत्रिमंडल सचिव ने बसों और ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों से जाने वाले श्रमिकों को सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों द्वारा प्रदान की गई सहायता की समीक्षा करने के लिए 10 मई 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये एक बैठक की अध्यक्षता की।
इस बैठक के परिणामस्वरूप, गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों /संघ शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर कहा कि वे पलायन करके आए श्रमिकों को उनके मूल स्थानों तक पहुंचने के लिए सड़क और रेलवे पटरियों पर चलने से रोकें। इस बात पर जोर दिया गया कि ‘श्रमिक स्पेशल’ट्रेनों और बसों को चलने की अनुमति दी जा चुकी है। इसलिए, उन्हें अपने घर जाने के लिए ‘श्रमिक स्पेशल’ट्रेनों या बसों की सुविधा दी जा सकती है और तब तक पलायन करके आए श्रमिकों को परामर्श दिया जा सकता है और उन्हें पास के आश्रयों में ले जाया जा सकता है।
इस बात पर भी जोर दिया गया कि सभी राज्य / संघ शासित प्रदेशों की सरकारों को बिना किसी बाधा के और ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनें चलाने में रेलवे के साथ सहयोग करना चाहिए ताकि फंसे हुए श्रमिक तेजी से अपने घर तक पहुंच सकें।