वन्य जीव तस्करों पर एसएसबी का कसता जा रहा है शिकंजा

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सश्स्त्र सीमा बल इस साल 30 मई तक 47 मामलों में 60 वन्य तस्करों को गिरफ्तार कर चुकी है पिछले साल ये आंकड़ा 75 मामलों में 89 गिरफ्तारी का था । ताजा मामला शनिवार का है एसएसबी की 53 वाहिनी सिमलबारी,अलीपुरद्वार सीमांत मुख्यालय सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) ने दिनांक 03-06-2017 को लगभग 1545 बजे वन्य उत्पादों के साथ दो लोगो को गिरफ्तार कियाI

https://youtu.be/YUvBAgtzS1c

ताजा मामले में एसएसबी ने करीब 5 लाख रूपये के गैंडे के सिंग औऱ 3 लाख के  टोके गोइको बरामद किए हैं। जब्त किये गए उत्पाद एवं गिरफ्तार किये तस्कर धीरेन  बर्मन और धालू बर्मन को वन विभाग, दक्षिणी जल्दापुर अलीपुरद्वार (पश्चिम बंगाल) को सौंप दिया गया।

सीमाओं की सुरक्षा के नियमित कर्तव्य के साथ-साथ, एसएसबी इंडो-नेपाल और इंडो-भूटान बॉर्डर पर वनस्पति एवं वन्य जीवों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एसएसबी की ज़िम्मेदारियों के अधिकतम क्षेत्र में गहन जंगल है। इन क्षेत्रों में वन उत्पाद और वन्य जीवन की तस्करी एक बड़ा अपराध है।

एसएसबी द्वारा जब्त किए गए सामान
एसएसबी द्वारा जब्त किए गए सामान

इन टोके गेइको और राइनो हॉर्न को भारत से भूटान के रास्ते से तस्करी किया जा रहा था। इन्हे चीन में दवाइयों को तैयार करने के लिए उपयोग किया जाता है।

टोके गेइको और राइनो जलादापारा वन और बक्सा टाइगर रिजर्व में पाए जाते हैं और इनकी तस्करी अलीपुरद्वार, पश्चिम बंगाल के रास्ते  भारत से भूटान में की जाती है। तत्पश्चात भूटान से चीन भेज दिया जाता है। प्रारंभिक पूछताछ के दौरान गिरफ्तार व्यक्तियों द्वारा यह बताया गया कि  उन्हें आमतौर पर वजन और आकार के अनुसार 05 से 20 लाख प्रति टोके गेइको मिलता जाता है। हालांकि वन अधिकारियों द्वारा अंतरराष्ट्रीय बाज़ार दर के अनुसार जब्त की गए टोके गेइको और राइनो हॉर्न का मूल्यांकन 3, 51, 56,666 / – किया।

सशस्त्र सीमा बाल (एसएसबी) को 1751 किलोमीटर लंबी भारत-नेपाल और 69 9 किलोमीटर लंबी भारत-भूटान अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा के लिए तैनात है तथा बल का मुख्य उद्देश्य सीमाओं के सुरक्षा के साथ-साथ सीमावर्ती क्षेत्रों से तस्करी की रोकथाम करना भी है जिसमें वन उत्पाद की तस्करी भी शामिल है गत माह, एसएसबी ने वन्यजीव टोके गेइको (Tokay Geicko) तथा साँप के जहर दो जार जब्त किए थे। बल द्वारा जब्त किये गए वन्य उत्पादों की कीमत लगभग 70 करोड़ थीI

एसएसबी वन्यजीव उत्पादन के तस्करों को पकड़ने के लिए सभी हितधारकों के साथ ठोस और समन्वयित प्रयास कर रहा है।

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