Uttarakhand news-जानिए क्यों 16 देशों के 18 प्रतिनिधि पहुंचे उत्तराखंड, आईसीएफआऱई ने कैसा प्रशिक्षण शुरू किया

Uttarakhand news-उत्तराखंड में दुनिया के 18 देशों के प्रतिनिधि पहुंचे हैं। ये प्रतिनिधि एक खास प्रशिक्षण में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं। यह प्रशिक्षण शुरू किया है भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद (ICFRE) ने।

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Uttarakhand news-उत्तराखंड में दुनिया के 18 देशों के प्रतिनिधि पहुंचे हैं। ये प्रतिनिधि एक खास प्रशिक्षण में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं। यह प्रशिक्षण शुरू किया है भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद (ICFRE) ने। देहरादून में स्थित आईसीएफआरई के तहत सतत भूमि प्रबंधन पर उत्कृष्टता केंद्र (COE-SLM) ने रिमोट सेंसिंग डेटा और जीआईएस टूल्स के साथ भूमि क्षरण गतिशीलता और बहाली प्रयासों का आकलन करने पर अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। 18 देशों के लोग इसी प्रशिक्षण में हिस्सा लेने पहुंचे हैं।

Uttarakhand news-यह है कार्यक्रम

आईसीएफआरई देहरादून के तहत सतत भूमि प्रबंधन पर उत्कृष्टता केंद्र ने 15 जनवरी, 2024 से “रिमोट सेंसिंग डेटा और जीआईएस टूल्स के साथ भूमि क्षरण गतिशीलता और बहाली प्रयासों का आकलन” पर पांच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। प्रशिक्षण यूएनसीसीडी-जी20 (UNCDC-G20) जीएलआई (GLI) के साथ समन्वय से आरंभ हुआ है। यह सभी सीमाओं के पार भूमि क्षरण से उत्पन्न समाधान में योगदान देने का प्रयास करते हैं।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन श्रीमती कंचन देवी, आईएफएस, महानिदेशक, आईसीएफआरई द्वारा किया गया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों का स्वागत किया। अपने संबोधन में उन्होंने भूमि क्षरण की गतिशीलता को समझने और बहाली रणनीतियों को तैयार करने के लिए आरएस-जीआईएस उपकरणों के अनुप्रयोग पर प्रकाश डाला।

उद्विघाटन सत्न में विनय कुमार (आईएफएस), निदेशक, सीओई-एसएलएम, डॉ. राजेश शर्मा, प्रमुख, सीओई-एसएलएम, डॉ. सुधीर कुमार, डीडीजी (विस्तार), डॉ. रत्नाकर जौहरी, डीडीजी (अनुसंधान), एडीजी और आईसीएफआरई के वैज्ञानिक उपस्थित थे। प्रशिक्षण कार्यक्रम में 16 देशों के अठारह प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। एनआरएससी, एसएसी, यूएनसीसीडी, आईआईआरएस, आईआईटी-खड़गपुर जैसे संस्थानों के संसाधन व्यक्ति के रूप में प्रख्यात विशेषज्ञ पांच दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान अपने अनुभव और विशेषज्ञता साझा करेंगे।

प्रशिक्षण में विभिन्न भूमि आवरण का पता लगाने के लिए उपग्रह छवि व्याख्या अभ्यास पर एक व्यावहारिक सत्र भी शामिल है और उत्तराखंड वन विभाग द्वारा भूमि बहाली के मामले के अध्ययन पर सहयोगात्मक क्षेत्र अभ्यास भी किया जाएगा। यह प्रशिक्षण स्थायी भूमि प्रबंधन और भूमि क्षरण तटस्थता के प्रति राष्ट्रों की सामूहिक प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। यह प्रशिक्षण प्रतिभागियों को भूमि संसाधन मूल्यांकन में आरएस-जीआईएस अनुप्रयोगों की समग्र समझ से लैस करेगा।

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