नाम है गौरव बंसल। निवासी था दिल्ली के पटपड़गंज का। पेशे से कारोबारी गौरव बंसल का कोई बिजनेस चल नहीं रहा था। एक एक कर के उसके सारे धंधे चौपट हो गए। कर्ज सिर चढ़ा ही नहीं बल्कि सिर चढ़ कर बोलने भी लगा। जब परिवार को देने के लिए उसके पास कुछ नहीं बचा तो उसे अपने इंस्योरेंस के पैसों की याद आई। सोचा कि अगर उसके इंस्योरेंस के पैसे उसके घर वालों को मिल जाएं तो परिवार वाले समस्या से निजात पा सकते हैं। लेकिन इसके लिए गौरव बंसल का मरना जरूरी था। अपने मौत की सत्य कथा उसने कुछ ऐसी लिखी की जांच करने वाली पुलिस भी दंग है।
पुलिस के मुताबिक इस सत्य कथा की शुरूआत होती है इसी साल 9 जून से। उस दिन दिल्ली के रणहौला पुलिस को एक पेड़ से लटकी हुई लाश मिली। लाश के हाथ बंधे थे। मतलब मामला हत्या का था। जांच पड़ताल में पुलिस को पता लगा कि शव पटपड़गंज से लापता कारोबारी गौरव बंसल का है।
बाहरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त डा. ए कोन ने नांगलोई एसीपी आनंद सागर की पुलिस ने मामले की जांच के लिए एसीपी आनंद सागर की देखरेख में इंस्पेक्टर सही राम के नेतृत्व में इंस्पेक्टर नितिन कुमार, एसआई अमित राठी, हेडकांस्टेबल ओमवीर, सुनील, पवन, विजेन्द्र, संजीव, विजय राम और कांस्टेबल रमेश की टीम बनाई। पुलिस टीम ने परिवार वालों से पूछताछ की तो पता लगा कि उसके लापता होने की रिपोर्ट 9 जून को ही आनंद विहार थाने में दर्ज कराया गया था। पुलिस ने गहन छानबीन के बाद सूरज नाम के एक शख्स को पकड़ा। पूछताछ में उसने हत्या की बात स्वीकर करते हुए बताया कि हत्या की वारदात में उसके साथ मनोज औऱ सुमित के अलावा एक नाबालिग भी शामिल है। पुलिस ने मनोज औऱ सुमित को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि नाबालिग ने कत्ल की सारी योजना बनाई थी और इसके लिए उन चारों को पैसे दिए गए थे। पुलिस नाबालिग को पकड़कर लाई।
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सूत्रों के मुताबिक नाबालिग ने बताया कि कारोबारी गौरव बसंल से उसकी दोस्ती फेसबुक के माध्यम से हुई थी। दोनो फेसबुक के मेसेंजर पर बात किया करते थे। बातचीत में ही गौरव बंसल ने बिजनेस फेल होने और कर्ज होने की बात कह कर नाबालिग से मदद मांगी थी। उसने कहा था कि अगर उसकी हत्या हो जाए तो बीमा की मोटी रकम उसके परिवार वालों को मिल जाएगी।
फेस बुक पर सुपारी
पुलिस पूछताछ में नाबालिग ने बताया कि गौरव बसंल ने अपनी हत्या के लिए अच्छी खासी रकम भी देने का लालच भी दिया। उन दोनों के के बीच यह सारी बातचीत फेसबुक पर ही हुई। नाबालिग ने इस योजना में अपने साथ सूरज, मनोज औऱ सुमित को भी शामिल कर लिया।
ताकि और कोई ना मारा जाए
योजना के मुताबिक हत्या का दिन मुकर्रर हुआ 9 जून 2020। गौरव बसंल चाहता था कि हत्या उसके घर के आसपास की जाए लेकिन हत्या की सुपारी लेने वालों ने उसे रणहौला बुलाया। पहचान के लिए व्हाट्सएप्प पर गौरव का फोटो मंगाया गया। साथ ही उससे कहा गया कि आधार कार्ड भी जेब मे रखे ताकि गलती से कोई औऱ ना मारा जाए।
गौरव
बंसल खुद का मर्डर कराने के लिए रणहौला पहुंचे पहले हत्या की सुपारी की रकम पूरे
90 हजार रुपये दिए गए। इसके बाद पांचो ने पार्टी की इसके बाद गौरव के हाथ बांध कर हत्या
की गई और शव पेड़ पर लटका दिया गया।
बंसल खुद लाया रस्सी
पुलिस का दावा है कि
बंसल ने पहले सूइसाइड करने का प्लान बनाया था लेकिन वह इसके लिए हिम्मत नहीं जुटा
पाए थे। फिर आरोपियों का प्लान था कि वे लोग गोली मारकर बंसल की जान लेंगे, लेकिन हथियार
बेचनेवाले ने नाबालिग को पिस्टल देने से ही मना कर दिया। पुलिस की माने तो फिर
बंसल की रस्सी लेकर आया था। बंसल ने कहा था कि ऐसा करके वे (तीनों आरोपी) उसकी और
उसके परिवार की मदद ही कर रहे हैं।