Jharkhand news: जैव विविधता से भी रोजगार में लाया जा सकता है रुचिः IFS संजीव कुमार

jharkhand news: जैव विविधता से अपने जीवन यापन के लिए रोजगार में रूचि लाई जा सकती है। इसके लिए जागरूक होनी की जरूरत है। यह बात संजीव कुमार PCCF सह सदस्य सचिव झारखंड जैव विविधता पर्षद ने कहा।

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jharkhand news: जैव विविधता से अपने जीवन यापन के लिए रोजगार में रूचि लाई जा सकती है। इसके लिए जागरूक होनी की जरूरत है। यह बात संजीव कुमार PCCF सह सदस्य सचिव झारखंड जैव विविधता पर्षद ने कहा। उनके द्वारा विश्व वानिकी दिवस (world forest day) के अवसर पर कार्यशाला आयोजित की गई। रांची के पलाश भवन में आयोजित कार्यशाला में जिला के विभिन्न जैव विविधता प्रबंधन समिति मुखिया उपमुखिया स्टूडेंट इत्यादि शामिल हुए।

jharkhand news: जैव विविधता पार्षद देगा सहयोग

IFS संजीव कुमार PCCF ने सभी को विश्व वानिकी दिवस की शुभकामनाओ के साथ वानिकी में उपलब्ध जैव विविधता से अपनी जीवन यापन हेतु रोजगार में रुचि लाने जागरूक होने की अपील की। उन्होंने कहा कि इसके लिए सहयोग पर्षद से मिलेगा। कार्यक्रम में वनो का खाद्य पदार्थ में — कंद , लता , फल तथा उनके होने से कृषि जनित crops को क्या फ़ायदे हैं, इस पर विचार विमर्श किया गया।

संजीव कुमार ने कहा, “तसर रेशम, लाख, बांस, जड़ी-बूटी और अन्य वन संसाधनों को आजीविका के लिए विकसित किया जा सकता है और जैव विविधता बोर्ड इन संसाधनों को रोजगार के अवसरों में बदलने में सहायता करेगा।” संजीव कुमार ने राज्य में तसर रेशम की घटती स्थिति पर भी प्रकाश डाला, उन्होंने उल्लेख किया कि यह विलुप्त होने के कगार पर है और केवल दुमका और गिरिडीह जिलों में इसकी खेती की जाती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि तसर की खेती आजीविका का एक प्रमुख स्रोत हो सकती है।

उन्होंने आगे कहा कि सारंडा में दुनिया में तसर संसाधनों का सबसे अधिक संकेन्द्रण है, जहाँ क्षेत्र की आदिवासी महिलाएँ इससे अच्छी खासी आय अर्जित करती हैं।

इसके अतिरिक्त, उन्होंने बताया कि बांस की खेती और हस्तशिल्प उत्पादन भी आजीविका के महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में काम कर सकते हैं।

कार्यशाला में आजीविका के लिए वन संसाधनों के उपयोग को संरक्षित करने और बढ़ावा देने में योगदान देने वाले कई व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में रांची के दाहू गांव के महावीर मेहिल, तेजनारायण गंजू, रमेश चंद्र कुम्हार, जहाना प्रवीण, नीतू तिर्की, अनीता तिर्की, अरुण कुमार महली, दिनेश तिग्गा, आकाश कुमार महतो, उम्मे अमरा और मनीषा शंकर शामिल थे।

सम्मानित होने वाले सभी व्यक्तियों ने अपनी-अपनी पंचायतों को वन संसाधनों का उपयोग स्थायी आजीविका के लिए करने के लिए प्रोत्साहित करने का संकल्प लिया। जैव विविधता प्रबंधन समितियों के सदस्यों ने वन संसाधनों के सतत उपयोग के माध्यम से आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने में उनके मार्गदर्शन के लिए सदस्य सचिव के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने क्षेत्र की जैव विविधता के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में काम करने की अपनी प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया।

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