GST fraud-जीएसटी फर्जीवाड़े के इस तरीके को जान हैरान हो जाएंगे आप

GST fraud
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GST fraud-दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने जीएसटी फर्जीवाड़े के एक ऐसे खेल का पर्दाफाश किया है जिसे जानकर आप चौंक जाएंगे। फर्जी जीएसटी के इस खेल का मास्टरमाइंड अपने कर्मचारियों और परीचित लोगों के आईडी कागज लेकर फर्जीवाड़ा करता था। इसलिए यह खबर पढ़िए और किसी को भी अपनी आईडी से जुड़े कागजात देते समय खूब सावधान रहिए।

GST fraud-यह है पूरा मामला

आर्थिक अपराध शाखा के डीसीपी विक्रम पोरवाल के मुताबिक पेशे से चार्टड अकाउंटेंट राजीव जैन ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि एक फर्म के नाम से जीएसटी नंबर लेने के लिए उनके पैन कार्ड का फर्जी तरीके से इस्तेमाल किया गया है। इस जीएसटी नंबर से पांच महीने के अंदर करीब 15 करोड़ रुपये का लेन देन किया गया।

मामले को सुलझाने के लिए डीसीपी विक्रम पोरवाल समग्र देखरेख में एसीपी घनश्याम की देखरेख में इंस्पेक्टर धर्मेंद्र कुमार, एसआई अरविंद कुमार और घनश्याम की टीम बनाई गई। सघन जांच के बाद पुलिस ने 21 अप्रैल 2024 को शशि कांत गुप्ता नामक शख्स को गिरफ्तार कर लिया।

जांच के दौरान पुलिस ने जीएसटी विभाग से नंबर लेने के लिए इस्तेमाल होने वाले कागज के आधार पर पड़ताल की तो पता लगा कि विभाग में दिया गया मोबाइल नंबर एक सुरक्षा गार्ड का है। यह सुरक्षा गार्ड शशि कांत गुप्ता का गार्ड होता था। पूछताछ में उसे बताया कि शशिकांत सैलरी के लिए बैंक अकाउंट खोले के बहाने उससे उसके कागजात लिए थे। लेकिन कभी उसे खुलने वाले खाते के बारे में बताया तक नहीं गया।

जांच पड़ताल में यह भी पता लगा कि आरोपी शशि ने 11 फर्म के नाम से एक निजी बैंक में खाते खुलवाए थे। इन सभी खातों को खोलने के लिए उसने अपने परीचितों के कागजात इस्तेमाल किए थे। जीएसटी विभाग पकड़ में ना आए इसलिए शशि और उसका बेटा अक्षय इन्हीं फर्मों के नाम से फर्जी बिलिंग करते थे।

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