Garuda Purana-हिंदू धर्म के 18 महापुराणों में से एक गरुड़ पुराण का सर्वाधिक महत्व है। विद्वानो की मानें तो गरुड़ पुराण में सफल जीवन का सार समाहित है। इसीलिए कहा जाता है कि गरुड़ पुराण का पाठ करना चाहिए और इसमें बताई बातों पर अमल करना चाहिए। हालांकि आम धारणा गलत बन गई है। इस धारणा के मुताबिक गरुड़ पुराण का पाठ किसी के देहांत पर ही पढ़ा जाना चाहिए।
Garuda Purana in Hindi
गरुड़ पुराण मुख्य रुप से तीन भागो में है। आचारखंड, धर्मकाणड और ब्रह्माकाण्ड। गरुड़ पुराण के आचारखंड या पूर्वखंड का पाठ कभी भी किया जा सकता है। पूर्वखंड में सृष्टि की उत्पति, ध्रुव चरित्र, द्वादश अदित्यों की कथा, ग्रहों के मंत्र, उपासना विधि, भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, सदाचार, यज्ञ, दान, तप, जप, तीर्थ और सत्कर्म जैसे कई लौकिक और परालौकिक बातों का वर्णन किया गया है। इस खंड में व्याकरण, छंद, स्वर, ज्योतिष, आयुर्वेद, रत्नसार, नीति सार आदि जैसे विषयों का भी समावेश है।
इसीलिए हर व्यक्ति को इसका पाठ करना चाहिए। माना जाता है कि इसमें कही गई बातों को जीवन में आत्मसात भी करना चाहिए। गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु द्वारा कुछ ऐसे काम बताए गए हैं जिनसे दिन की शुरुआत करने पर लाभ ही लाभ मिलेगा। कहते हैं कि इन बातों पर अमल करने से चौतरफा सफलता हासिल होती है। आइए आपको बताते हैं चंद उन कामों के बारे में जिससे दिन की शुरुआत लाभकारी हो सकता है।
प्रातः स्नान करने के बाद पूजा पाठ करना चाहिए। इससे देवी देवताओं के साथ पितरों का भी आशीर्वाद मिलता है। पूजा पाठ से दिन की शुरुआत सफलता दिलाती है। सुबह भोजन करने से पहले भगवान को भोग जरुर लगाना चाहिए। इससे माता अन्नपूर्णा का आशीर्वाद मिलता है। भगवान विष्णु ने गरुड़ पुराण में कहा है कि व्यक्ति को दिन में कम से कम एक बार जरूर आत्म चिंतन करना चाहिए इससे सही गलत का पता लगता है। हरेक को दिन में किसी एक की मदद जरूर करनी चाहिए इससे बहुत पुण्य मिलता है।
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