नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने कहा है कि कम्यूनिटी पुलिसिंग औऱ सांप्रादायिक सद्भाव प्रमुख क्षेत्र हैं। दिल्ली पुलिस आयुक्त ने कार्य भार लेने के बाद अपने पहले सार्वजनिक कार्यक्रम में उत्तर पूर्वी दिल्ली में सामुदायिक पुलिसिंग कार्यक्रम उम्मीद का उद्घाटन किया।
कार्यक्रम “उम्मीद: एक बेहतर कल की ओर एक कदम- टीम नॉर्थ ईस्ट के साथ एक दिन” का आयोजन उत्तर-पूर्व जिला पुलिस द्वारा श्याम लाल कॉलेज, दिल्ली में सांप्रदायिक सद्भाव और शांति पर नागरिक भाईचारा समिति जैसे संगठनों के कार्यों पर प्रकाश डालने हेतु किया गया था। दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।
इस अवसर पर दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने कहा कि हालांकि पुलिस को सभी प्रकार की कानून व्यवस्था और अन्य मुद्दों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, फिर भी यह समाज के समर्थन के बिना प्रभावशीलता हासिल नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा, “आपराधिक गतिविधियों, अपराधियों की गिरफ्तारी या कानून व्यवस्था के मुद्दों के प्रबंधन के बारे में जानकारी में एक महत्वपूर्ण कड़ी होने के नाते, सार्वजनिक सहयोग अनिवार्य है।”
चूंकि हर नुक्कड़ पर पुलिसकर्मियों को तैनात करना संभव नहीं है, शांति और सद्भाव स्थापित करने के लिए पुलिस की सहायता के लिए एक आत्म-अनुशासित और सेवा-उन्मुख समाज की आवश्यकता है। “अपराध का कोई धर्म नहीं होता और कुछ ही असामाजिक तत्व सामाजिक वातावरण को खराब करते हैं। ऐसे बेईमान तत्वों की पहचान करने और कानून के अनुसार उनसे निपटने की जरूरत है”, उन्होंने कहा।
सद्भाव की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए, श्री अस्थाना ने कहा, “हम प्रौद्योगिकी के युग में रहते हैं और आर्थिक प्रगति केवल शांतिपूर्ण वातावरण में ही प्राप्त की जा सकती है। हम सभी को मिलजुल कर रहने का प्रयास करना चाहिए।” सह-अस्तित्व की भावना में शांति से रहने के लिए समुदायों के बीच एकजुटता और आपसी विश्वास को मजबूत करने की पहल के रूप में ‘उम्मीद’ की सराहना करते हुए, श्री अस्थाना ने कहा कि समाज में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है क्योंकि भारत विविधता में एकता के लिए जाना जाता है। सीपी दिल्ली ने इस तरह की सामुदायिक पहल स्थापित करने और राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूत करने वाले सामाजिक कार्यक्रमों के आयोजन में पुलिस से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने “नागरिक भाईचारा समिति” पुस्तिका का भी अनावरण किया, जबकि समिति द्वारा किए गए कार्यों को उजागर करने वाले वीडियो क्लिप जनता को दिखाए गए।
कार्यक्रम में आगे शहीद हेड कांस्टेबल (स्वर्गीय) रतन लाल की स्मृति में “रतन लाल मेडल ऑफ होप” की स्थापना कि गई, हेडकांस्टेबल रतन लाल ने पिछले साल दंगों के दौरान कर्तव्यों का पालन करते हुए अपनी जान गंवा दी थी। यह एनबीएस के बैनर तले आयोजित सांप्रदायिक सद्भाव के विषय पर निबंध और ड्राइंग प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले छात्रों को पदक प्रदान करके हमारी भावी पीढ़ी में शांति और एकजुटता के मूल्यों को स्थापित करने का प्रयास करता है। समारोह में शहीद रतन लाल की पत्नी को भी सीपी दिल्ली ने सम्मानित किया।
पुलिस आयुक्त ने एक सोशल मीडिया अभियान भी शुरू किया जिसमें विभिन्न हस्तियों के संदेश शामिल थे, जिसमें लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने का आग्रह किया गया था। हाल की बोर्ड परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन करने वाले उत्तर पूर्व जिले के पुलिस परिवारों के बच्चों को सम्मानित किया गया। उत्तर पूर्व जिला पुलिस की एक योजना “हीरोज ऑफ द वीक” के तहत पात्र पाए गए पुलिस कर्मियों को भी सम्मानित किया गया, जिसमें सप्ताह के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले पुलिस कर्मियों को चुना जाता है और उन्हें सम्मानित किया जाता है। खजूरी-खास में हाल ही में हुई मुठभेड़ में घायल हुए पुलिस कर्मियों को भी सीपी दिल्ली ने पुरस्कृत किया। पुलिस आयुक्त ने उत्तर पूर्व जिले के दो पुलिस कर्मियों को “आसाधारण कार्य पुरस्कार (AKP)” से भी सम्मानित किया।
इस अवसर पर विशेष सीएसपी, जेटीसीएसपी, अतिरिक्त सीएसपी और डीसीपी रैंक के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।