फोन पर आने वाले messages से कौन नहीं परेशान होता। कई बार फालतू के messages की झल्लाहट में काम वाले messages भी छूट जाते हैं। लेकिन इसका एक ठोस उपाय है। हम आपको एक ऐसी कारगर तकनीक बताने जा रहे हैं जिसके जरिए आप काम और बेकाम के मैसेज की पहचान कर सकते हैं। इसके लिए आपको ज्यादा कुछ करने की जरूरत भी नहीं है।
messaages पहचानने की आसान तकनीक
मैसेज से आप चाहकर भी पीछा नहीं छुड़ा सकते। क्योंकि आपके डिजिटल जीवन की हरके गतिविधि इन मैसेज पर बहुत ज्यादा निर्भर है। सरकार को भी मालूम है कि मैसेज कई तरह से आपको तंग करते हैं। मगर इस दौरान कई सरकारी सुविधाएं और बैंकिग के काम भी इसी मैसेज के माध्यम से होते हैं। इसीलिए सरकार ने TRAI के साथ मिलकर खास तकनीक विकसित की है।
यह तकनीक आपको वास्तविक और फर्जी मैसेज में अंतर करने में मदद करते हैं। कुछ आसान से शब्द या यूं कहें कि अक्षर हैं जिन्हें देखकर आप समझ सकते हैं कि आपके पास आने वाला संदेश कैसा है। यानि आप मेसेज को देख कर ही समझ सकते है की ये फ्रॉड मेसेज है।
फ्रॉड करने वाले लोग ऐसे संदेश भेजते हैं, जो वास्तविक स्रोतों से आए हुए लगते हैं। लेकिन यदि आप संदेश को ध्यानपूर्वक जांचें, तो आप पहचान सकते हैं कि यह असली है या नकली।
ऐसे करें पहचान:
कंपनियों द्वारा भेजे गए संदेशों में S, P, G, या T कोड होता है, जो उनके प्रकार को दर्शाता है:
✅ (S) Service Message → JD-FINABC-S
✅ (G) Government Message → AD-TRAING-G
✅ (P) Promotional Message → AM-AIRTEL-P
✅ (T) Transactional Message → JM-AXISBK-T
🚨 Scam Alert → CP-VEDING (यदि कोई कोड नहीं है, तो यह धोखाधड़ी वाला मेसेज हो सकता है!)
📢 भारत सरकार ने TRAI (Telecom Regulatory Authority of India) के माध्यम से ‘Message Authentication’ तकनीक विकसित की है, जिससे उपयोगकर्ता वास्तविक और नकली संदेशों में अंतर कर सकते हैं। सतर्क रहें और प्रतिक्रिया देने से पहले सत्यापन करें।
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