केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने अब आधिकारिक रूप से मिजोरम के एकमात्र राष्ट्रीय एयरपोर्ट की सुरक्षा कमान संभाल ली है। हवाई अड्डे पर आयोजित समारोह में cisf ने लेंगपुई हवाई अड्डे की सुरक्षा का दायित्व संभाला।

समारोह में मिजोरम के डीजीपी अनिल शुक्ला, cisf महानिरीक्षक विजय प्रकाश, महानिरीक्षक सीआईएसएफ/एपीएस-1 मुख्यालय दीपक वर्मा, उप महानिरीक्षक, एपी (ई एंड एनई) मुख्यालय, कोलकाता लालरोहलुआ, निदेशक विमानन, पी.यू. सैडेंगा, एयरपोर्ट निदेशक, लेंगपुई, हरीश सिंह नयाल, उप कमांडेंट, (लेंगपुई हवाई अड्डे में सीआईएसएफ इकाई के कमांडिंग ऑफिसर), आदि शामिल हुए।
cisf की सुरक्षा में आने वाला 69 वां एयरपोर्ट
मिजोरम का लेंगपुई एयरपोर्ट सीआईएसएफ की सुरक्षा में आने वाला भारत का 69वां हवाई अड्डा बन गया है। यह मिजोरम में स्थापित होने वाली सीआईएसएफ की पहली इकाई भी है। भारत सरकार की नागरिक विमानन सुरक्षा को सुदृढ़ करने की राष्ट्रीय नीति के तहत, लेंगपुई हवाई अड्डे पर सीआईएसएफ की तैनाती एक रणनीतिक निर्णय है।

“पहाड़ों की भूमि” के रूप में विख्यात मिजोरम का यह हवाई अड्डा हाल के वर्षों में यात्रियों की लगातार बढ़ती संख्या के कारण विशेष सुरक्षा बल की आवश्यकता महसूस कर रहा था। सीआईएसएफ के जवान, अपनी सुरक्षा जिम्मेदारियों के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय कर यात्रियों के लिए सहज, प्रभावी और यात्री-सुगम सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।
इन आधुनिक सुरक्षा उपायों का उद्देश्य एक सुरक्षित, निर्बाध यात्रा अनुभव प्रदान करना है, साथ ही आतंकवाद, तस्करी और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों जैसे खतरों से प्रभावी रूप से निपटना भी है। शुरुआती चरण में, एक उप कमांडेंट पद के अधिकारी के नेतृत्व में 121 सीआईएसएफ कर्मी तैनात किये गये हैं, जिन्हें बाद में बढ़ाकर 214 कर्मियों तक किया जाएगा। यह तैनाती मिजोरम पुलिस और सीआरपीएफ द्वारा वर्ष 1999 से स्थापित संयुक्त सुरक्षा व्यवस्था का स्थान लेगी।
लेंगपुई एयरपोर्ट
राज्य की राजधानी आइजोल से लगभग 32 किमी उत्तर में, ममित जिले में स्थित लेंगपुई हवाई अड्डा, राज्य सरकार द्वारा निर्मित भारत का पहला बड़ा हवाई अड्डा है। फरवरी 1998 से परिचालन में आया यह हवाई अड्डा मिजोरम को कोलकाता, दिल्ली, गुवाहाटी, सिलचर और इंफाल जैसे प्रमुख शहरों से जोड़ता है।
इसका 2,500 मीटर लंबा टेबलटॉप रनवे, ना केवल उड़ानों के संचालन के लिहाज़ से चुनौतीपूर्ण है, बल्कि राज्य के पर्यटन, संपर्क और आर्थिक विकास में भी अहम भूमिका निभाता है। भारत-म्यांमार और भारत-बांग्लादेश की सीमाओं के निकट स्थित यह हवाई अड्डा, अपनी रणनीतिक स्थिति के कारण और भी महत्वपूर्ण बन जाता है, विशेषकर तब जब निकटतम रेलवे स्टेशन 100 किमी और निकटतम वैकल्पिक हवाई अड्डा सिलचर, आइजोल से 200 किमी दूर स्थित है।
बता दें कि मिजोरम की 700 किमी से अधिक लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा को देखते हुए, विमानन सुरक्षा का महत्व और भी बढ़ जाता है।
इस तैनाती के साथ, सीआईएसएफ अब सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, पुडुचेरी और लक्षद्वीप को छोड़कर शेष सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अपनी सुरक्षा उपस्थिति दर्ज कर चुका है।
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