नई दिल्ली, इंडिया विस्तार डेस्क। कोरोना वायरस इलाज में इम्युनिटी का अहम रोल माना जा रहा है। वहीं, अब ऐसा दावा किया जा रहा है कि अमेरिका की एक कंपनी ने ऐसी वैक्सीन ढूंढ ली है जो इंसानों की इम्युनिटी (Immune system) को बीमारी से लड़ने के काबिल बनाएगा। अभी हालांकि वैक्सीन पर प्रयोग अपने शुरुआती चरण में है। अमेरिका के नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एलर्जी और इन्फेक्सियस डिजिजेज के अंतर्गत हुए इस ट्रायल में पता चला कि वैक्सीन से ऐंटीबॉडीज तैयार हो रही हैं जिससे कोरोना वायरस को निष्क्रिय किया जा सकता है।
दवा कंपनी मॉडर्ना (Moderna) का कहना है कि दवाई के ट्रायल में शामिल हुए पहले आठ लोगों में उनकी ऐंटीबॉडी निष्क्रिय पाई गईं। इसने यह दावा भी किया कि इम्युन रेस्पॉन्स सभी कोरोना संक्रमित लोगों में समान था। अभी हालांकि इसपर व्यापक स्तर पर ट्रायल जुलाई में शुरू होगा। कंपनी का कहना है कि वह इसपर विचार कर रहा है कि वैक्सीन की मैन्युफैक्चरिंग कैसे की जाए।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में करीब 80 ग्रुप कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में दिनरात जुटे हुए हैं। मॉडर्ना इनमें से पहला ग्रुप है जिसने प्रायोगिक वैक्सीन पर टेस्ट किया है। इसका नाम mRNA-1273 है। दरअसल यह वैक्सीन कोरोना वायरस के जेनेटिक कोड का छोटा हिस्सा है लेकिन यह इम्युन सिस्टम को रेस्पॉन्स देने के लिए मजबूर कर सकता है।
मॉडर्ना का कहना है कि जिन लोगों ने वैक्सीन का कम डोज लिया उनमें ऐंटीबॉडीज का वही स्तर था जो कि कोरोना से रिकवर हुए मरीजों में देखा गया है। मॉडर्ना के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. टाल जैक्स ने कहा, ‘इन डेटा से हमारा भरोसा बढ़ा है कि mRNA-1273 वैक्सीन कोविड19 की रोकथाम करता है और महत्वपूर्ण ट्रायल में डोज का चुनाव करने की हमारी क्षमता को भी बढ़ाता है।