दुनिया भर के 50 देशों के जाने माने 150 जासूस 12 अक्टूबर से दिल्ली में एकत्रित हो रहे हैं। मकसद है दुनिया भर में सुरक्षा के सामने आई नई चुनौतियों पर मंथन। कीन दिन तक चलने वाली संगोष्ठी में भ्रष्टाचार और साइबर खतरे के मुद्दे पर भी चर्चा होगी।
वलर्ड एसोसियेशन आॅफ डिटेक्टिवस (WAD) के बैनर तले आयोजित हो रहे इस 92वें सालाना संगोष्ठी की उपयोगिता इसलिए अधिक है क्योंकि भारत से संबंधित महत्वपूर्ण मामलों, जैसे काला धन, नकली मुद्रा का चलन, भ्रष्टाचार निरोधक अभियान के समक्ष उत्पन्न चुनौतियां, साइबर सुरक्षा के लिए खतरों पर इसमें चर्चा की जाएगी। ले.जनरल सेवानिवृत राजेंद्र सिंह, भूतपूर्व महानिदेशक आयुद्ध, भारतीय सेना, और संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के पूर्व कमांडर इस संगोष्ठी का उदघाटन करेंगे।
“ 150 से ज्यादा पेशेवर, वैश्विक जांचकर्ता और जासूस एक साथ एकत्रित होंगे और हमारे सेक्टर—क्षेत्र के सामने आ रही चुनौतियों से निपटने के उपायों पर मंथन करते हुए इस निष्कर्ष पर पहुंचने का प्रयास करेंगे कि इनसे निपटने के लिए किस तरह की तैयारी करें। संगोष्ठी में सुरक्षा, पुलिस, रक्षा, निजी जांचकर्ता, फॉरेंसिक साइंस के क्षेत्र के अंतरराष्ट्रीय पेशेवर एक साथ इन क्षेत्रों के समक्ष उत्पन्न हो रही वैश्विक चुनौतियों—समस्याओं पर मंथन कर उनसे निपटने का मार्ग तय करेंगे। ” वैड के अध्यक्ष कुंवर विक्रम सिंह ने यह जानकारी दी। कुंवर विक्रम सिंह कौशल विकास मंत्रालय के अंतर्गत चलने वाले सिक्यूरिटी सेक्टर स्कील डेवलपमेंट काउंसिल (SSSDC) के भी प्रमुख हैं।
कुंवर विक्रम सिंह, जाो सेंट्रल एसोसियेशन आॅफ प्राइवेट सिक्यूरिटी इंडस्ट्री (CAPSI) के चेयरमेन हैं, वह इस संगोष्ठी के समापन पर WAD के सबसे पहले भारतीय चेयरमेन भी चुने जाएंगे। वह इस पद को हासिल करने वाले पहले भारतीय पेशेवर जासूस होंगे।
दिल्ली की यह संगोष्ठी मौजूद समय के महत्वपूर्ण मसलों पर विस्तृत चर्चा और संगोष्ठी की भी साक्षी होगी। इसमें साइबर सिक्यूरिटी एंड द डार्क वेब, एंटी करप्शन पार्टनरशिप, थ्रेट टू द सिक्यूरिटी इंवायरमेंट एंड रोल आॅफ इंटरपोल, डूइंग बिजनेस इन इंडिया—आॅप्यूरच्युनिटी एंड चैलेंजेस जैसे मसलों पर राउंड टेबल चर्चा भी होगी। जिसमें संंबंधित विषय के वैश्विक दक्ष पेशेवर अपने विचार साझा करेंगे।
इस तीन दिवसीय संगोष्ठी के दौरान इसमें शामिल होने वाले वैश्विक जासूस, निजी जांचकर्ता पेशेवर और सुरक्षा पेशेवर प्रमुख भारतीय मंत्रियों और नौकरशाहों से मिल सकते हैं और भारत के समक्ष उत्पन्न चुनौती और खतरा जैसे आतंकवाद, भ्रष्टाचार, मानव तस्करी और नकली मुद्रा परिचलन पर चर्चा कर सकते हैं।
यह दूसरी बार है जब वैड अपनी सालाना बैठक भारत में कर रहा है। इससे पहले वर्ष 1984 में यह दिल्ली में आयोजित हुई थी। वैड, अपनी तरह का सबसे बड़ा और दीर्घ संस्थान है जिसमें 80 देशों के श्रमजीवी पेशेवर सुरक्षा पेशेवर, निजी जांचकर्ता और निजी जासूस जुड़े हुए हैं। यह संस्था अपने कार्यक्षेत्र में उच्च मूल्य की वकालत करने के साथ ही उसका अनुपालन भी करती है। इसके साथ ही यह अपने कार्य क्षेत्र में इस कार्य क्षेत्र के पेशेवरों के बीच वैश्विक साझेदारी का मंच भी प्रदान करती है।