जानिए क्यों मचा है उत्तर प्रदेश की पुलिस में बवाल

0
486

लखनऊ, इंडिया विस्तार।  उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुए विवेक तिवारी मर्डर केस के बाद यूपी पुलिस में बवाल मचा हुआ है। विवेक को गोली मारने वाले पुलिसकर्मी के पक्ष में खड़े इन पुलिसकर्मियों ने तो 5 अक्टूबर को काला दिवस ही मना डाला। काला दिवस मनाए जाने से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी नाराज हैं।

इस मु्द्दे पर योगी ने पुलिस के आला अफसरों को जमकर फटकार भी लगाई है। यही नहीं, विरोध के सुर दबाने के लिए तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है और तीन थानाध्यक्षों के तबादले कर दिए गए हैं। विरोध करने वाले दो पूर्व पुलिसकर्मियों को भी गिरफ्तार किया गया है।आरोपी सिपाही के समर्थन में सोशल मीडिया पर भी कैंपेन चलाया जा रहा है।

किन पुलिस वालों पर लिया गया एक्शन

सस्पेंड होने वाले पुलिसकर्मियों में लखनऊ के अलीगंज थाने में तैनात सिपाही जितेंद्र कुमार वर्मा, गुडंबा थाने के सिपाही सुमित कुमार और नाका थाने में तैनात सिपाही गौरव चौधरी शामिल हैं। इसके अलावा जिन तीन थानों के इंचार्ज का तबादला किया गया है, उनमें लखनऊ के ही नाका के थाने के एसओ परशुराम सिंह , एसओ अलीगंज अजय यादव और एसओ गुडंबा धर्मेश शाही शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए पूर्व पुलिसकर्मियों में अविनाश पाठक और ब्रजेंद्र यादव शामिल हैं। अविनाश को मिर्जापुर और ब्रजेंद्र को वाराणसी से गिरफ्तार किया गया।

मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद आनन-फानन में पुलिस विभाग की तरफ से पुलिस कर्मियों के लिए नई सोशल मीडिया पॉलिसी बना दी गई। साथ ही उनको व्यावहारिकता सिखाने की कवायद शुरू की गई है। इस पूरी घटना को लेकर लखनऊ में तैनात आईजी अमिताभ ठाकुर ने एक बार फिर सरकार का विरोध किया है।अमिताभ ने सोशल मीडिया पर लिखा कि अपने किसी साथी के साथ कोई ज्यादती होने की दशा में सहकर्मी के साथ खड़े होना कोई अनुशासनहीनता नहीं है। इस मामले में अति नहीं की जानी चाहिए।

लेकिन पुलिस में मचे बवाल को देखते हुए प्रशासन ने सोशल मीडिया को लेकर गाइड लाइन भी बना डाली है।

पुलिस के लिए पॉलिसी

– पुलिसकर्मी सोशल मीडिया पर अश्लील भाषा का या फोटो पोस्ट नहीं कर सकता

– पुलिस विभाग किसी भी जानकारी को बगैर वरिष्ठ अधिकारियों की जानकारी के सोशल मीडिया पर पोस्ट नहीं कर सकता

– अपने अधिकारियों के खिलाफ कोई भी टिप्पणी सोशल मीडिया पर नहीं कर सकता

– सरकार या उसकी नीतियों, कार्यक्रमों और राजनेताओं के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं कर सकता

– राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर सोशल मीडिया पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता

– पुलिसकर्मी किसी भी राजनीतिक दल राजनीति व्यक्ति और विचारधारा के संबंध में टिप्पणी नहीं कर सकता

– किसी भी दूसरे पुलिसकर्मी की नियुक्ति को लेकर के कोई जानकारी सोशल मीडिया पर साझा नहीं की जा सकती

– किसी भी मामले की जांच, विवेचना, कोर्ट में लंबित केस के बारे में नहीं लिख सकते

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

1 × 2 =