जब रेल में या स्टेशन पर भूल जाएं सामान याद करें 182 को जनाब

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आलोक वर्मा

कल्पना कीजिए की आप रेल में यात्रा कर रहे हैं, आपने यात्रा पूरी की रेलवे स्टेशन पर उतरे और अपनी मंजिल पर चले गए। सफर की कहानी खत्म हो जाती है लेकिन इसमें एक ट्वीस्ट है वो ये कि सफर पूरी कर मंजिल पर पहुंचने के बाद अगर आपको पता लगे कि आपके साथ सफर कर रहा आपका एक सामान लापता है, तो आपकी क्या हालत होगी। बेचैन होंगे, तलाश करेंगे सोचेगे कि ट्रेन में सामान छूटा, गायब हुआ या स्टेशन पर या फिर आटो टैक्सी से आते हुए उसमें रखा रह गया। क्या इस हालत में आपका दिमाग काम करेगा ? इस सवाल का जवाब तलाश कीजिए तब तक हम आपको कुछ केस स्टडी करा देतें हैं।

केस स्टडी नंबर1 तारीख 5 नवंबर 2017 जगह यूपी का मऊ रेलवे स्टेशन पर रेल यात्री धर्मेन्द्र कुमार उतरे और घर चले गए लेकिन बाद में उन्हें रेलवे पुलिस बल यानि आरपीएफ का फोन आया कि उनका बैग रेलवे स्टेशन पर है। धर्मेन्द्र स्टेशन पहुंचने पर उन्हें अपना बैग वापस मिल गया।

मऊ में आीपीएफ बैग लौटाते हुए

इस बैग में धर्मेन्द्र के सारे शैक्षिक प्रमाणपत्र तो थे ही 3 लाख रूपये मूल्य के सेविंग सर्टिफिकेट भी थे। आरपीएफ को उनका बैग प्लेटफार्म नंबर 1 से मिला था और बैग में मौजूद आधार कार्ड की मदद से आरपीएफ ने धर्मेन्द्र कुमार की पहचान की और उन्हें सूचना दी।

केसस्टडी नंबर 2 तारीख 3 नवंबर स्थान यूपी का गोंडा रेलवे स्टेशन आरपीएफ के एएसआई चंद्रिका यादव को प्लेटफार्म नंबर 2 से एक बैग ंमिला बैग में हजारों रूपये नकद थे और एक मोबाइल फोन भी।

गोंडा में बैग वापसी

फोन में सेव एक नंबर पर फोन किया गया तो पता लगा कि बैग नागेन्द्र मांझी नाम के शख्स का है जो गोंडा से सीवान के सफर के दौरान बैग प्लेटफार्म पर ही भूल गया था। नागेद्र मांझी रेलवे टिकट के साथ वापस पहुंचा और आरपीएफ ने उसे बैग लौटा दिया।

 

केस स्टडी नंबर 3 तारीख 6 नवंबर स्थान सूरत रेलवे स्टेशन आरपीएफ को एक ऐसा पर्स मिला जिसमें 50440 रूपये कैश और चांदी का ब्रासलेट था।     रेल यात्री को तलाश कर इस मामले में भी पर्स लौटा दिया गया।  सामान वापसी के ये 3 ही केस स्टडी नहीं हैं बल्कि इस साल अब तक सामान वापसी के 3683 मामले हुए हैं। यानि देश भर के रेलवे स्टेशनों पर 3683 मामलों में आरपीएफ ने मोबाइल फोन और पर्स से लेकर विभिन्न तरह के कीमती सामान उसके मालिकों तक वापस पहुंचाए हैं।  इन वापस किए गए सामानों की कीमत 5.01 करोड़ रूपये थी। जी हां साहब अब आपको उस सवाल का जवाब मिल गया होगा जो शुरू में मैंने पूछा अरे वही कि अगर रेल सफर में भूल जाएं सामान तो दिमाग काम करेगा क्या? अगर नहीं मिला तो जान लीजिए इस सवाल का जवाब आप आरपीएफ के महानिदेशक और वरिष्ठ आईपीएस धर्मेंन्द्र कुमार से पहले सुनिए उनका कहना है कि अगर यात्री गलती से अपना सामान ट्रेन में भूल जाए तो तुरंत फोन नंबर 182 पर काल करके अपनी गाड़ी नंबर, कोच और सीट नंबर या फिर पीएनआर नंबर तारीख और यात्रा का समय और अपने खोए हुए सामान का विवरण दें आरपीएफ उनका सामान वापस तलाश करने में पूरी मदद करेगी।

अब तो आपके सवाल का जवाब मिल गया होगा। देखिए साहब सबसे पहले तो आपको अपने सामान का ध्यान तो खुद ही रखना होगा लेकिन आपा धापी में अगर आपका सामान छूट जाता है तो घबराईये नहीं आरपीएफ है ना जनाब।

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