गृहमंत्री राजनाथ की पुलिस अफसरों को नसीहत

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सोशल मीडिया पर अपनी बखान करने वाले अफसरों के लिए ये खबर सबसे जरूरी है। मौका था बीएसएफ यानि बार्डर सिक्योरिटी फोर्स के समारोह का जिसमें देश के जांबाजों को किया जा रहा था सम्मानित..गृह मंत्री राजनाथ पहुंचे वीरों को सम्मानित करने लेकिन यहां वो दिखे जवानों और अधिकारियों को नसीहत देते..सबसे पहले उन्होने शुरुआत की सोशल मीडिया का जिसका इस्तेमाल सुरक्षा संस्थान से जुड़े अधिकारी करते हैं..खासतौर पर वाट्स ऐप के इस्तेमाल को लेकर गृहमंत्री का कहना था..सोशल मीडिया पर दुश्मन द्वारा अफवाह फैलाने की कोशिश की जा रही है.. कोई भी मेसेज अधिकारी के पास वाट्स ऐप पर आए तो मैं कहूंगा कि बिना वेरिफाइ किए वो न आगे बढ़ाए..क्या मेसेज है सबसे जरूरी उसकी विश्वसनीयता और उसके प्रभाव का आंकलन किया जाए
इसके अलावा गृहमंत्री ने ये भी दावा किया कि सीमा पर पूरी तरीके से सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद है.. इंटिग्रेटेड डिफेंस सिस्टम बार्डर पर कर रहे हैं जिसका मतलब ये है कि पुलिस,सेना और अर्धसैनिक बल संयुक्त तरीके से भारतीय सीमा की सुरक्षा का जिम्मा उठा रहे हैं..सीमा पर थ्री टियर सिक्योरिटी करने के सिस्टम का भी दावा किया गया..फिर बात हुई सर्जिकल स्ट्राइक की जिसकी जोरदार वकालत करते हुए गृहमंत्री का कहना था कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद घुसपैठ काफी कम हुई है क्योंकि सीमापार से डर है घुसपैठ करनेवाले लोगों को कि भारतीय सीमा पर सुरक्षाबल कितने मुस्तैद हैं
गृहमंत्री ने बीएसएफ के जवानों की वर्दी के बारे में भी नसीहत दी और कहा कि फोर्स को सजग रहना चाहिए,समारोह में जवानों के सर पर गान के वक्त कैप नहीं थी, कम से कम कैप तो बीएसएफ के गाने के वक्त होनी चाहिए थी,गृहमंत्री ने समारोह की ही एक घटना का जिक्र किया कि एक आईपीएस के जूते का फीता अवार्ड देने वक्त खुला था, हालाकि मैं उनका नाम नहीं लूंगा ये नहीं होना चाहिए था लेकिन नसीहत के साथ सरकार ने अपनी जिम्मेदारी की भी बात मानते हुए कहा कि जितनी सुविधा सरकार अर्धसैनिक बलों के जवानों को देती है वो हम नहीं दे पाते लेकिन कोशिश जारी है..इन सब के बाद एक बार फिर सरकार की ओर से ये साफ किया गया कि शहीद अर्धसैनिक जवानों को कुल मुआवजा एक करोड़ तक मिलेगा ही..मतलब साफ है कि सरकार तनाव के इस दौर में ये साफ कर देना चाहिए जवान अपनी ड्यूटी करें और सरकार उनका ध्यान देगी
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