आने लगा है कुकिंग ऑयल से निर्मित बॉयोडीजल का जमाना

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नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज प्रयुक्त कुकिंग ऑयल (यूसीओ) से निर्मित बॉयोडीजल की खरीद के लिए सरकारी तेल विपणन कंपनियों (आईओसी, एचपीसीएल एवं बीपीसीएल) द्वारा रुचि प्रकटन (ईओआई) जारी किया। आज विश्व जैव ईंधन दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के साथ श्री प्रधान ने यूसीओ के संग्रह को सुगम बनाने के लिए आरयूसीओ नामतः रिपर्पस यूज्ड कुकिंग ऑयल पर एक स्टीकर और एक मोबाइल एप लॉच किया। इस वर्ष विश्व जैव ईंधन दिवस की विषयवस्तु “प्रयुक्त कुकिंग ऑयल (यूसीओ) से बॉयोडीजल का उत्पादन” है।

यूसीओ से बॉयोडीजल पर ईओआई में प्रावधान है कि बॉयोडीजल संयंत्र स्थापित करने वाले उद्यमी तेल कंपनियों से लाभकारी मूल्य एवं उत्पादन के संपूर्ण खरीद का आश्वासन प्राप्त कर सकते हैं। 100 नगरों में आरंभ किया जाने वाले ईओआई यह सुनिश्चित करेगा कि पहले वर्ष के लिए बॉयोडीजल हेतु रु. 51 प्रति लीटर, दूसरे वर्ष के लिए रु. 52.7 प्रति लीटर एवं तीसरे वर्ष के लिए रु. 54.5 प्रति लीटर का भुगतान किया जाए। तेल कंपनियां परिवहन एवं प्रथम वर्ष के लिए जीएसटी की लागत भी वहन करेंगी

इस अवसर पर धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री ने पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय को 2022 तक तेल उत्पादों की आयात निर्भरता को कम करने का लक्ष्य दिया है और इसे उत्पादन में बढ़ोतरी करने, ऊर्जा सक्षमता में सुधार लाने, संरक्षण को बढ़ावा देने तथा वैकल्पिक ईंधनों को प्रोत्साहित करने के द्वारा अर्जित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार व्यापक रूप से ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों को बढ़ावा दे रही है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय इस संबंध में 4 सूत्री कार्यनीति पर कार्य कर रहा है जिसमें एथनॉल, 2जी एथनॉल, कम्प्रेस्ड बॉयोगैस एवं बॉयोडीजल को बढ़ावा देना शामिल है। श्री प्रधान ने कहा कि पेट्रोल में एथनॉल का सम्मिश्रण एक प्रतिशत बढ़कर लगभग आठ प्रतिशत हो गया है और इसके जल्द ही 10 प्रतिशत हो जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सरकार अधिशेष खाद्यानों, जो कभी-कभार बरबाद हो जाते हैं, से एथनॉल के उत्पादन की अनुमति देने और भंडारण पर आने वाले खर्च को भी वहन करने की योजना बना रही है। कंप्रेस्ड बॉयोगैस के मुद्दे पर मंत्री ने कहा कि 400 से अधिक जिलों में स्थापित किया जा रहा सीजीडी नेटवर्क इसे काफी प्रोत्साहन देगा और सीबीजी संयंत्रों की स्थापना के लिए उद्यमियों के साथ पहले ही 300 से अधिक आशय पत्रों पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। बॉयोडीजल की ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत की योजना में सरलता से शामिल हो जाने वाली वस्तु के रूप में व्याख्या करते हुए मंत्री ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए पर्याप्त मात्रा में कच्चा माल उपलब्ध है। अपशिष्ट से संपदा निर्माण की यह एक अच्छी अवधारणा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के बजट को अन्नदाता से ऊर्जादाता के रूपांतरण के रूप में रेखांकित किया गया है।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का उल्लेख करते हुए श्री प्रधान ने कहा कि यह योजना अपनी समय सीमा से काफी पहले ही इस वर्ष अक्तूबर तक आठ करोड़ लाभार्थियों के लक्ष्य को अर्जित कर लेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के पर्यावरणगत, आर्थिक, सामाजिक एवं स्वास्थ्य लाभ हैं। इसी प्रकार प्रयुक्त कुकिंग ऑयल और बॉयोडीजल के रूप में इसके रूपांतरण का देश को आत्मनिर्भरता हासिल करने में सहायता करने के अतिरिक्त पर्यावरणगत, आर्थिक एवं स्वास्थ्य संबंधी लाभ हैं। उन्होंने सरकारी तेल विपणन कंपनियों से उद्यमियों को उनके प्रयासों में मदद करने की अपील की क्योंकि बॉयोडीजल का उत्पादन स्वच्छ भारत मिशन को भी बढ़ावा देता है। मंत्री ने लोगों के स्वास्थ्य से संबंधित परियोजनाओं को आरंभ करने में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के साथ हाथ मिलाने पर स्वास्थ्य मंत्रालय की भी सराहना की।

इस अवसर पर हर्षवर्धन ने अपशिष्ट को उपयोगी उत्पादों में रूपांतरित करने के लिए देश के भीतर विकसित कई प्रौद्योगिकियों क उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पीएमयूवाई ने लाखों लोगों की उनके स्वास्थ्य में सुधार लाने में मदद की है। स्वास्थ्य मंत्री ने बार-बार कुकिंग ऑयल को उत्पादक, उपयोगी एवं सुरक्षित तरीके से निपटाने के लिए प्रोत्साहन की पेशकश के अतिरिक्त इसके उपयोग के खतरों के बारे में शिक्षित करने और जागरूकता फैलाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि समाज के स्तर पर इससे संबंधित आन्दोलन चलाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इट राइट इंडिया अभियान आरंभ किया है और इसे इट लेस तक विस्तारित करने की आवश्यकता है।

आज लॉच किये गये आरयूसीओ स्टीकर का अर्थ होगा कि यह जिस प्रतिष्ठान से संबंधित है वह आरयूसीओ प्रणाली के अनुरूप है और कुकिंग ऑयल का फिर से उपयोग नहीं करता। आरयूसीओ एप हितधारकों को सभी प्रकार के लेनदेनों का पता लगाने  और नजर रखने में समर्थ बनाएगा।

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