मानव तस्करी एवं बाल मजदूरी को रोकने में SSB द्वारा किये जा रहे लगातार प्रयासों में एस.एस.बी की 51 वाहिनीं सीतामढ़ी ने मानव तस्करों के चंगुल से 13 नाबालिग बच्चों को बचाया तथा चार मानव तस्करों को बिहार के सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन से मुंबई जाने वाली कर्मभूमि एक्सप्रेस से गिरफ्तार किया। सभी बचाए गए बच्चे लड़के थे तथा उनकी उम्र 12 से 15 साल थी। तस्करों ने सुरक्षा बलों से बचने के लिए तीन ग्रुप बना लिए थे। पहले ग्रुप में 05 बच्चे और दो तस्कर जिनके नाम जोगिंदर साह और योजिन्दर साह थे। इस ग्रुप के सभी बच्चे और एक तस्कर नेपाली थे और दूसरा तस्कर भारतीय था। बचाए गए बच्चों को साईं रोज नर्सरी (SAI ROSE NURSARY) में रोजगार देने की आड़ में पुणे (महाराष्ट्र) ले जाया रहा था।
दूसरे ग्रुप में छह बच्चे और एक तस्कर विजय राय थे बचाए गए बच्चे और तस्कर दोनों भारतीय थे । बच्चों को सोनाले गांव, मुंबई (महाराष्ट्र) की गारमेंट फैक्ट्री में रोजगार देने की आड़ में ले जा रहा था।तीसरे ग्रुप में दो बच्चे और एक तस्कर तेज नारायण थे। बचाए गए बच्चे और तस्कर दोनों भारतीय थे। दाममोली कलयान, मुंबई (महाराष्ट्र) में होटल में रोजगार देने की आड़ में ले जा रहा था।सभी को बचाया बच्चों को पुनर्वास के लिए एनजीओ “चाइल्ड लाइन” को सौंप दिया गया और गिरफ्तार किए गए मानव तस्करों को रेलवे पुलिस बल सीतामधी को सौंप दिया गया।