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राज बब्बर हिंदी और पंजाबी फिल्म जगत के बहुत ही प्रसिद्ध अभिनेता है। 80 के दशक में राज बब्बर ने सिनेमा की दुनिया में वाकई ‘राज’ किया। उनके जन्मदिन के मौके पर चलिए बताते हैं उनसे जुड़ी कुछ खास बातें।
राज बब्बर का जन्म 23 जून 1952 में उत्तर प्रदेश के टुंडला में हुआ । राज-बब्बर ने अपनी शुरुआती पढ़ाई आगरा कॉलेज आगरा से पूरी की है। उन्होंने अभिनय की बारीकियां दिल्ली स्थित नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा से सीखी हैं।
करियर:
राज बब्बर ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत वर्ष 1977 में फिल्म किस्सा कुर्सी का से की थी।साल 1980 में प्रदर्शित फिल्म ‘इंसाफ का तराजू’ सुपरहिट साबित हुयी और वह काफी हद तक इंडस्ट्री में पहचान बनाने में कामयाब हो गये। फिल्म ‘इंसाफ का तराजू’ की सफलता के बाद राज बब्बर, बी.आर.चोपड़ा के प्रिय अभिनेता बन गये और उन्होंने राज बब्बर को लगभग अपनी हर फिल्म में काम देना शुरू कर दिया। इन फिल्मों में निकाह, आज की आवाज, दहलीज, किरायेदार, आवाम और कल की आवाज जैसी फिल्में शामिल हैं। उसके बाद उन्होंने हिंदी सिनेमा में कई फिल्मों में अभिनय किया। राज बब्बर ने अपने तीन दशक लंबे सिने करियर में 250 से भी अधिक फिल्मों में काम किया है । राज बब्बर ने कई फिल्मों में काम करने के बाद राजनीति की ओर रुख कर लिया।
शादी:
राज बब्बर की शादी नादिरा बब्बर से हुई है- उनसे उन्हें दो बच्चे हैं। जूही बब्बर और आर्य बब्बर। दूसरी बार स्मिता पाटिल के साथ विवाह करने के बाद जब उन्होंने अपने घर में बताया तो उनके माता-पिता ने इस बात पर एतराज जताते हुए कहा कि तुमको घर और स्मिता पाटिल दोनों में से किसी एक को चुनना होगा, जिसके बाद राज बब्बर ने अपना घर छोड़ दिया। उनकी दूसरी शादी स्मिता पाटिल से हुई थी,जिनका लंबी बीमारी के बाद देहांत हो गया। उनके एक बेटा है जिसका नाम प्रतीक बब्बर है।
राजनीति:
राज बब्बर ने 1989 में जनता दल में शामिल होकर राजनीति में प्रवेश किया, जिसका नेतृत्व वी। पी। सिंह ने किया। बाद में वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए और तीन बार भारत के संसद सदस्य के रूप में चुने गए। 1994 से 1999 तक वह राज्यसभा के सदस्य रहे।
वह मुलायम सिंह यादव के काफी नजदीक थे। वर्ष 1994 में पहली बार मुलायम सिंह ने ही उन्हे राज्यसभा का सांसद बनाया था। यही नहीं मुलायम सिंह ने ही वर्ष 1996 के लोकसभा चुनाव में उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ लखनऊ लोकसभा सीट लड़ने की सलाह दी थी।वर्ष 2006 में उन्होंने समाजवादी पार्टी को छोड़ दिया और इसके दो साल बाद वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए।
वर्ष 2009 में, उनका सबसे चर्चित चुनाव फिरोजाबाद की सीट को लेकर रहा, यादवों के राज गढ़ में राज बब्बर ने मुलायम सिंह यादव की बहू डिंपल यादव को मात देकर सबको चौंका दिया था।
राज बब्बर आज भी उसी जोश के साथ फिल्म और राजनीति के क्षेत्र में सक्रिय हैं।