लोकसभा चुनाव 2024 में 7193 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई है। इस चुनाव में कुल 8360 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था। जनता ने इनमें से 542 उम्मीदवारों को चुनकर लोकसभा भेजा है। 18 वीॆ लोकसभा चुनाव समाप्त हो चुका है। इस लेख में आपको बताते हैं कि जमानत जब्त होने पर किसी उम्मीदवार को कितने रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है।
लोकसभा चुनाव 2024 में किस पार्टी के उम्मीदवारों की सर्वाधिक जमानत हुई जब्त
बताते हैं कि इस चुनाव में जमानत गंवाने वाले सर्वाधिक उम्मीदवारों की संख्या बहुजन समाज पार्टी(बसपा) की है। बीएसपी ने इस चुनाव में 478 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, इनमें से 476 की जमानत जब्त हो गई है। राष्ट्रीय पार्टीयों में जमानत गंवाने वाली दूसरी पार्टी सीपीआईएम है। इसके 52 उम्मीदवार मैदान में थे जिनमें से 30 की जमानत जब्त हो गई। तीसरे नंबर पर एनपीपी है जिसके 3 में सो 1 उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई।
टीएमसी ने 48 उम्मीदवारों को टिकट दिया था इनमें से 5 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। कांग्रेस के 328 उम्मीदवारों में से 26 की जमानत जब्त हुई है। बीजेपी के 441 उम्मीदवारों में से 27 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई है। लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव प्रत्येक उम्मीदवार को जमानत के तौर पर एक निश्चित राशि चुनाव आयोग के पास जमा करानी होती है। इसी को जमानत राशि या सिक्योरिटी डिपॉजिट कहते हैं।
लोकसभा चुनाव में सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार को 25 हजार रुपये की जमानत राशि जमा करानी होती है। एससी-एसटी उम्मीदवार के लिए यह राशि 12500 रुपये हैं। विधानसभा चुनाव में सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को 10 हजार और एससी-एसटी उम्मीदवार को 5 हजार रुपये की राशि जमानत राशि के तौर पर जमा करानी होती है।
कब होती है जमानत जब्त
नियमों के मुताबिक यदि किसी उम्मीदवार को कुल वैध वोट का 1/6 यानि 16.67 फीसदी वोट नहीं मिलता है तो उस उम्मीदवार की जमानत राशि जब्त हो जाएगी। इस स्थिति में चुनाव आयोग जमानत राशि वापस नहीं करता है। अगर किसी उम्मीदवार को 16.67 फीसदी से ज्यादा वोट मिलता है तो उसकी जमानत राशि वापस कर दी जाती है। अगर कोई नामांकन वापस लेता है या रद्द होता है तो भी राशि लौटा दी जाती है।
यह भी पढ़ें
- पहलगाम आतंकी हमले में पाक आतंकियों को पनाह देने वाले दो लोग गिरफ्तार
- बब्बर खालसा के इन आतंकियों के खिलाफ एनआईए ने चार्जशीट दाखिल किया
- cryptocurrency है साइबर क्राइम पर कितना बड़ा खतरा, जानिए क्योंं और कैसे
- आप भी जानिए adhar card पर आधारित UPI प्रमाणीकरण की कमियां और इसके सुधार के उपाय
- cyber crime के चार यक्ष प्रश्न और उनके जवाब आपको भी जानना चाहिए
[…] आयोजित की जाएंगी। इस अभियान की औपचारिक जिम्मेवारी दिल्ली क्राइम ब्रांच की […]