नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। बार-बार आ रहे भूकंप के झटके आपके दिल को भी कई झटके देते होंगे। सरकार
भी इस पर गंभीरता से सोचती है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री और पृथ्वी विज्ञान मंत्री, डा. हर्ष वर्धन ने लोक सभा
में एक लिखित जवाब के माध्यम से 20 वर्षों से दिल्ली और दिल्ली के आसपास आ रहे भूकंप के झटकों का हिसाब किताब दिया।
पृथ्वी और विज्ञान मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केन्द्र के पास देश में और देश के आस-पास भूकंप
गतिविधि की निगरानी के लिए एक राष्ट्र-व्यापी भूकंपीय नेटवर्क है। विगत कुछ महीनों (12 अप्रैल- 3 जुलाई ) के
दौरान, भूकंप के झटकों (2.5-3.0 तीव्रता) सहित 3.3 से 4.7 तीव्रता के चार और 13 छोटे भूकंप राष्ट्रीय
राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में दर्ज किए गए ।
20 वर्षों में आए भूकंपों का विश्लेषण
एनसीएस द्वारा 20 वर्षों में दिल्ली और दिल्ली के आस पास आए भूकंपों का विश्लेषण किया गया जिससे भूकंप
आने की प्रवृति में कोई निश्चित पैटर्न का पता नहीं चलता है जो भूकंप गतिविधि में किसी प्रकार की वृद्धि का
सुझाव दें सके। हालांकि, विगत वर्षों के दौरान, दिल्ली में भूकंप निगरानी में काफी सुधार हुआ है, यहां तक कि
निम्न तीव्रता के भूकंपों का स्वंत: पता लग जाता है और एनसीएस वेबसाइट और मोबाइल एप्प के द्वारा भूकंप का
शीघ्रता से प्रसारण हो जाता है। यह क्षेत्र में संभवत: व्यापक भूकंप घटनाओं के प्रभाव के बारे बताता है, जो
अन्यथा पहले नहीं देखा गया था। यह कहना कठिन होगा कि भूकंपीयता में कोई वृद्धि बड़े भूकंप के
आने का सूचक है।
तीन साल में आए भूकंप
विगत तीन वर्षों के दौरान राष्ट्रीय भूकंपीय नेटवर्क द्वारा (सितम्बर 2017 से अगस्त 2020 तक) तीन और
इससे अधिक की तीव्रता के साथ एनसीआर में 26 भूकंपों सहित, कुल 745 भूकंप दर्ज किए गए।
राज्यवार विवरण अनुबंध-I में दिया गया है। इन भूकंपों के कारण कोई बड़ी क्षति/नुकसान दर्ज नहीं हुआ है।
वर्तमान समय में एनसीआर क्षेत्र में भूकंप भेद्यता-स्थिति में संशोधन करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। दिल्ली के
विभिन्न भागों के लिए एनसीएस द्वारा कराए गए माइक्रोजोनेशन अध्ययन से अनुमानित भूमिगति, द्रवीकरण
और संपूर्ण जोखिम आदि जैसे विभिन्न मानकों के संबंध में विस्तृत सूचना मिलती है।
संबंधित मत्रालयों/ विभागों द्वारा निवारक उपायों के लिए अनेक पहलें की गई हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन
प्राधिकरण ने ‘’भूकंपों के प्रबंधन’’ और जर्जर भवनों की ‘’भूकंपीय रिट्रोंफिटिंग’’ के संबंध में दिशानिर्देश तैयार
करके जारी किए हैं। एनडीएमए और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण जनता के लिए बड़े पैमाने पर भूकंपों
के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए नियमित कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हॉल ही की भूकंपीय घटनाओं को देखते हुए, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने
आगामी निर्माणों को भूकंपरोधी बनाने के लिए भवन निर्माण उप-नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए,
भूकंप से निपटने के लिए नियमित मॉक अभ्यास करने और जनता के लिए जागरूक कार्यक्रम शुरु करने के लिए
आपदा कार्रवाई दल और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सरकारों के साथ बैठकें
आयोजित की हैं। इसके अतिरिक्त, सभी हितधारकों के लिए आनलाइन दुर्घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (आईआरएस)
और टेबल टाप एक्सरसाइज आयोजित की गयी।
इसके अतिरिक्त, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा दिल्ली, कोलकाता, सिक्किम, गुवाहाटी, और बेंगलुरू आदि का
भूकंपीय माइक्रोजोनेशन अध्ययन किया गया। इस प्रकार का अध्ययन भूमि उपयोग की योजना बनाने, और साइट
विशेष डिजाइन के निर्माण और भवनों/संरचनाओं के निर्माण, भूकंपों के कारण होने वाली जान-माल की क्षति को
कम करने के लिए उपयोगी है।
भारतीय मानक ब्यूरों (बी.आई.एस) ने क्षति को कम करने में मदद करने हेतु भूकंपरोधी संरचनाओं के निर्माण
और रेट्रोफिटिंग के लिए विभिन्न दिशानिर्देश भी प्रकाशित किए हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री और पृथ्वी विज्ञान मंत्री, डा. हर्ष वर्धन ने लोक सभा में
एक लिखित जवाब के माध्यम से यह जानकारी September 23, 2020 को दी।
अनुलग्नक -I
क्र.सं | राज्य का नाम | भूकंपों की संख्या |
अंडमान और निकोबार क्षेत्र | 193 | |
2. | आंध्र प्रदेश | 3 |
3. | अरुणाचल प्रदेश | 31 |
4. | असम | 57 |
5. | बिहार | 1 |
6. | छत्तीसगढ़ | 3 |
7. | दिल्ली | 2 |
8. | गुजरात | 20 |
9. | हरियाणा | 14 |
10. | हिमाचल प्रदेश | 64 |
11. | जम्मू और कश्मीर | 98 |
12. | झारखंड | 1 |
13. | कर्नाटक | 2 |
14. | मध्य प्रदेश | 3 |
15. | महाराष्ट्र | 55 |
16. | मणिपुर | 56 |
17. | मेघालय | 24 |
18. | मिजोरम | 19 |
19. | नागालैंड | 9 |
20. | उड़ीसा | 4 |
21. | पंजाब | 5 |
22. | राजस्थान | 14 |
23. | सिक्किम | 6 |
24. | तमिलनाडु | 2 |
25. | तेलंगाना | 5 |
26. | उत्तर प्रदेश | 10 |
27. | उत्तराखंड | 32 |
28. | पश्चिम बंगाल | 12 |