नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल अपना 83वां स्थापना दिवस मना रहा है। 1939 में 27 जुलाई के दिन नीमच में मात्र 1 बटालियन के साथ बल का गठन किया गया था। अब सीआरपीएफ अपनी 246 बटालियनों, राष्ट्रव्यापी उपस्थिति और एक गौरवशाली इतिहास के साथ राष्ट्र की सेवा कर रही है। सीआरपीएफ- देश का सबसे बड़ा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल अपनी बहुमुखी प्रतिभा, व्यावसायिकता और अपने निडर और प्रतिबद्ध बहादुरों के कारण देश का सबसे भरोसेमंद बल बन गया है।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर कुलदीप सिंह, डीजी सीआरपीएफ ने ग्रुप सेंटर गुरुग्राम परिसर में स्थित शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और बल के उन सभी बहादुरों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने निस्वार्थ भाव से कर्त्तव्य पथ पर अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। अब तक सीआरपीएफ के 2235 वीरों ने देश की सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया है। स्थापना दिवस पर कर्मियों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं देते हुए, महानिदेशक ने आश्वासन दिया कि गौरवशाली अतीत के मार्गदर्शी प्रकाश पुंज के साथ बल अपनी पूरी ताकत के साथ राष्ट्र की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
Greetings to all courageous @crpfindia personnel and their families on the force’s Raising Day. The CRPF is known for its valour and professionalism. It has a key role in India’s security apparatus. Their contributions to further national unity are appreciable.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 27, 2021
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बल के जवानों को बधाई देते हुए ट्वीट किया, ‘सीआरपीएफ अपनी वीरता और पेशेवराना अंदाज के लिए जाना जाता है। भारत के सुरक्षा तंत्र में इसकी अहम भूमिका है। राष्ट्रीय एकता को आगे बढ़ाने में उनका योगदान सराहनीय है।’ मातृभूमि की रक्षा के लिए सीआरपीएफ कर्मियों के समर्पण और प्रतिबद्धता को नमन करते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने अपने ट्वीट के माध्यम से कहा कि यह बल देश की आंतरिक सुरक्षा और राष्ट्रीय अखंडता को बनाए रखते हुए भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अन्य गणमान्य व्यक्तियों और नेटिज़न्स ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से बल को शुभकामनाएं दीं और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
एक समारोह में हॉट स्प्रिंग्स बैटल के एक वेटेरन हेड कांस्टेबल (सेवानिवृत्त) बलजीत सिंह को सीआरपीएफ हल्लोमाजरा कैंप, चंडीगढ़ में सम्मानित किया गया।बल की छोटी सी टुकड़ी ने 21 अक्टूबर 1959 को हाॅट स्प्रिंग्स (लद्दाख) में बड़ी तादात में आये चीनी सैनिकों के हमले का सीधा मुकाबला किया था। इस लड़ाई में बल के 10 शूरवीरों ने मातृृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी और पूरा देश 21 अक्टूबर को इन जवानों की शहादत की याद में पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाता है।
इस अवसर पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने पुनः यह संकल्प लिया कि बल के जवान कर्तव्य निष्ठा और राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ देश की सेवा करते रहेंगे। बल के योद्धाओं को प्राप्त 2113 वीरता पदक उनके साहस, वीरता और कर्तव्य के प्रति समर्पण के प्रमाण हैं।बल को सबसे अलंकृत केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल होने पर गर्व है जिसमें 1 अशोक चक्र (सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार), 10 कीर्ति चक्र, 26 शौर्य चक्र, और 201 वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक शामिल हैं। सीआरपीएफ बल की प्रभावशीलता में विश्वास के लिए राष्ट्र और उसके नागरिकों का आभार व्यक्त करता है।