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योग से अपने जुड़ाव को औऱ रफ्तार देने के लिए सीआरपीएफ ने डिजिटल योगाभ्यास किया। पीएम नरेन्द्र मोदी के योग को सुरक्षा कवच का नाम देने के संदेश को और प्रसारित करने के लिए ये अभ्यास अपनी तरह का अनूठा अभ्यास था। वेबिनार के माध्यम से आयोजित योगाभ्यास को सीआरपीएफ के डेढ़ लाख कर्मियों और उनके परिजनों ने विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, यूटयूब आदि के माध्यम से देखा और अभ्यास भी किया।
इस अवसर पर सीआरपीएफ के डीजी ए पी महेश्वरी ने आयुष मंत्रालय के दिए हुए मंत्र योग एट होम टोग विद फैमिली पर अमल करने की अपील की। इस वेबिनार में मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध योग गुरु पद्मश्री डॉ. एचआर नागेंद्र, बेंगलुरु स्थित स्वामी विवेकानंद योग अनुसन्धान संस्थान के एस व्यास, . योगा संस्थान के वाइस चांसलर डॉ. बीआर रामकृष्ण, डॉ. माहेश्वरी ने कहा कि योग पर हमारे प्रधान मंत्री द्वारा दिए गए संदेश अभी भी हैं और आने वाले समय के लिए प्रासंगिक रहेंगे। उन्होंने कहा कि योग हमारी प्राचीन परंपरा का अमूल्य उपहार है, जो हमारी जीवन शैली पर व्यापक प्रभाव डालने में सक्षम है जो प्रकृति के साथ पूर्ण तालमेल और वैश्विक समस्याओं के समाधान में सक्षम है।
योग पर अपने ज्ञान को साझा करते हुए, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित योग गुरु डॉ. नागेंद्र ने योग के तनाव-उन्मूलन क्षमताओं के विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने कहा कि योग केवल शारीरिक व्यायाम, प्राणायाम ’और ध्यान तक सीमित नहीं है, बल्कि जीवन जीने की एक कला है। उन्होंने कहा कि तनाव ‘मानव शरीर और मन को मानसिक चिंता की तरफ ले जाता है जो अंत में कई शारीरिक बीमारियों को जन्म देता है। आंतरिक सुरक्षा की कई चुनौतियों से निपटने में सीआरपीएफ की भूमिका की सराहना करते हुए, डॉ. नागेंद्र ने कहा कि उनके लिए योगिक अभ्यासों द्वारा खुद को तनाव रहित रखना बेहद जरूरी है। इस अवसर पर, एस-वीवाईएएसए द्वारा विकसित एक योगा मॉड्यूल, साइक्लिक मेडिटेशन टेक्नीक (एवर्टन ध्यान) पर प्रदर्शन किया गया।