नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। रक्षा बंधन में अब एक महीने से भी कम का वक्त रह गया है। देश में 22 अगस्त को रक्षा बंधन मनाया जाएगा। ऐसे में आपके लिए यह जानना जरूरी है कि रक्षाबंधन के दिन पूजा की थाली में क्या क्या रखना जरूरी है।
सबसे पहले तो ये जान लीजिए कि थाली में गंगा जल से भरा कलश भी रखना चाहिए। कलश तांबे का होना चाहिए। (RakSha Bandhan) के दिन पूजा की थाली में कुमकुम, हल्दी चावल, नारियल, सुरक्षा सूत्र, मिठाई, दीप और गंगा जल रखा जाता है। कुमकुम को गंगाजल से गीला कर भाई को तिलक लगाते हैं। इनमें से कई बातों के पीछे पौराणिक मान्यताएं हैं। कुछ तो आध्यात्मिक रूप से भी जरूरी है। कुमकुम पूजा का पहला आइटम है। इसका थाली में होना अनिवार्य है। मान्यताओं के मुताबिक तिलक से शुभ कार्य शुरू कर देना चाहिए।
थाली में चावल का प्रयोग किया जाता है। चावल को अक्षत कहा जाता है। अर्थात अक्षत अधूरा नहीं है। शुक्र ग्रह से संबंधित होने के कारण यह जीवन में सुखों का दाता होता है। माना जाता है कि तिलक चावल लगाने से भाई के जीवन में सुख सुविधाओं की हमेशा बढ़ोत्तरी रहेगी। इसके अलावा पूजा की थाली में नारियल का बहुत महत्व है। तिलक लगाने के बाद बहन भाई के हाथ में नारियल देती है, श्रीफल यानी लक्ष्मी फल सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
रक्षा सूत्र बांधने से त्रिदोष यानी वात, पित और कफ शांत हो जाते हैं। इन तीन दोषों में बदलाव के कारण कारण शरीर में अधिकतर बिमारियां उत्पन्न होती हैं। कलाई पर रक्षा सूत्र से उनका संतुलन शरीर में रहता है। राखी बांधने के बाद मिठाई खिलाने का प्रचलन है इसके पीछे मकसद होता है कि मिठाई की मिठास पूरी जिंदगी के लिए दोनो के रिश्ते में ही रहनी चाहिए। राखी बांधने के बाद बहन भाई की आरती करती है माऩ्यता है कि इससे भाई को बुरी नजरों से बचाया जाता है। थाली में गंगा जल से भरा कलश के पीछे रीति रिवाज यह है कि हिंदू धर्म में शुभ कार्य की शुरूआत कलश भरे जल से होती है।