Bomb threat-हाल ही में दिल्ली सहित देश के तमाम शहरों में स्कूल, अस्पताल एयरपोर्ट तक को बम से उड़ाने की धमकियां मिलीं। हालांकि एजेंसियों की जांच में ये सारी झूठी साबित हुई हैं। लेकिन इन धमकियों को ईमेल से भेजने वाला अभी तक गिरफ्त से बाहर है। कई बार लोग मजाक में भी इस तरह की धमकियां दे देते हैं। आइए आपको बताते हैं कि झूठी बम की धमकी 10 साल तक की जेल कैसे दिला सकती है।
Bomb threat-10 साल की जेल ही नहीं आतंकवाद निरोधक कानून के तहत भी कार्रवाई
कई बार कॉल के जरिए, मैसेज के जरिए या ईमेल के जरिए अलग अलग जगहों से धमकियां मिल जाती हैं। सुरक्षा एजेंसियां इन मैसेज के बारे में गहनता से जांच भी करती हैं। ज्यादातर बार इस तरह के मैसेज झूठे निकलते हैं। लेकिन आपको बता दें कि एजेंसियां मैसेज भेजने वाले को गिरफ्त में भी लेती हैं। ऐसे लोग जो झूठी धमकी देते हैं उन्हें दस साल तक की सजा का प्रावधान तो है ही साथ ही में आतंकवाद निरोधक कानून UAPA के तहत भी कार्रवाई हो सकती है।
बम की धमकी देना कोई मजाक नहीं है। क्योंकि इस तरह की धमकी से माहौल खराब तो होता ही है। जनमानस में खौफ का वातावरण भी बन जाता है। यही नहीं ऐसी झूठी धमकियों की जांच में सिस्टम का बहुत सारा समय और पैसा भी बर्बाद होता है। इस तरह की घटना अन्य आपराधिक घटनाओं की आशंका को भी जन्म देती है। इसलिए इस तरह की घटना गंभीर मानी जाती है।
ऐसे मामलो में भारतीय दंड संहिता की धारा 505(2) यानि जनता के बीच डर फैलाने, 507 यानि संचार माध्यम का इस्तेमाल कर आपराधिक धमकी देने और 120(बी) यानि आपराधिक साजिश रचने का मामला दर्ज किया जा सकता है। इन धाराओं में सजा होने पर कठोर दंड का प्रावधान है। धारा 505(2) गैरजमानती संज्ञेय अपराध है। इसके तहत 3-5 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। धारा 507 के तहत दो साल तक की सजा हो सकती है।
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