Blue Corner notice-ब्लू कार्नर नोटिस क्या होता है जानिए इसके बारे में सबकुछ यहां

Blue corner notice
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Blue Corner notice-महिलाओं के यौनशोषण के आरोप में फंसे कर्नाटक के सांसद प्रज्जवल रेवन्ना के खिलाफ ब्लू कार्नर नोटिस जारी किया गया है। इंटरपोल की मदद से उन्हें भारत लाने की कोशिशें जारी हो गई हैं। इंटरपोल सभी सदस्य देशों को सूचित कर रेवन्ना के बारे में जानकारी एकत्र करेगा। इधर इसको लेकर कर्नाटक का सियासी पारा कितना हाई है यह भी किसी से छिपा नहीं है। आइए जानते हैं ब्लू कार्नर नोटिस के बारे में सब कुछ।

Blue Corner notice-क्या होता है यह नोटिस

आपराधिक मामले में फंसे किसी आरोपी की पहचान, जगह या उस आरोपी की गतिविधियों के बारे में जानकारी एकत्र करवाने के लिए ब्लू कार्नर नोटिस जारी किया जाता है। इसके जरिए इंटरपोल के अपने सदस्य देशों द्वारा अतिरिक्त जानकारी ली जाती है। यह नोटिस भी फरार आरोपियों के बारे में जांच पड़ताल करने या तलाश करने संबंधित नोटिस ही है। अंतर ये है कि जब इसे जारी कर दिया जाता है तो सदस्य देश इसे उपेक्षित नहीं कर सकते हैं। उन्हें वो सारी जानकारी देनी होती है जो उनके पास उपलब्ध है।

ब्लू कार्नर नोटिस आपराधिक मामला दर्ज होने के पहले या ठीक उसके बाद जारी किए जाते हैं। यह नोटिस पूछताछ को और आगे बढ़ाने का काम करता है। फिलहाल जांच एजेंसियां अलर्ट हैं और ज्यादा से ज्यादा जानकारियां एकत्र करने की कोशिश कर रही हैं। इसीलिए ब्लू कार्नर नोटिस की मदद ली जा रही है। वैसे इंटरपोल से 7 तरह के अलर्ट नोटिस जारी किए जाते हैं। इसमें रेड,यलो,ब्लू, ब्लैक, ग्रीन, ऑरेंज और पर्पल नोटिस होता है। सभी नोटिस के अलग-अलग मायने होते हैं।

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