इस पोस्ट में आपको उन तीन घोटाले यानि स्कैम के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जिनसे बचना मुश्किल तो जरुर है मगर सावधान रहने पर आप खुद को और अपनों को डूबने से बचा सकते हैं। ये घोटाले ऐसे रुप में हैं कि सरकार की लाख कोशिश के बाद भी लोग इनके चंगुल में आ ही जाते हैं। इन घोटाले से बचने के लिए कानून से ज्यादा जागरुकता की जरुरत है।
ये हैं वो तीन घोटाले
ट्रेडिंग, निवेश और डिजिटल गिरफ्तारी घोटाले यही वो तीन घोटाले हैं जो जीवन भर की बचत की लूट कर रहे हैं। 2025 में भारत में साइबर धोखाधड़ी एक गंभीर संकट बन चुकी है, जिसमें ₹1.2 लाख करोड़ से अधिक की हानि हो चुकी है। सबसे खतरनाक घोटाले अब वैधता का नकाब पहनकर आते हैं — ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, निवेश योजनाएं, और यहां तक कि नकली कानून प्रवर्तन की धमकियाँ।
धन का भ्रम: निवेश और ट्रेडिंग घोटाले
साइबर अपराधी नकली ट्रेडिंग ऐप्स, टेलीग्राम ग्रुप्स और एआई-जनित मुनाफे के डैशबोर्ड से लोगों को फँसाते हैं। शुरुआती भुगतान विश्वास बनाते हैं — फिर पीड़ित अधिक निवेश करते हैं और सब कुछ गायब हो जाता है।
ताजा मामले:
- हैदराबाद के व्यक्ति ने ₹6.2 करोड़ खो दिए एक नकली ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में, जिसे वित्तीय सलाहकार बनकर ठग चला रहे थे।
- नोएडा के व्यापारी को ₹3.14 करोड़ का चूना लगाया गया टेलीग्राम आधारित निवेश धोखाधड़ी से। शुरुआती मुनाफा चारा था; अंतिम निवेश गायब हो गया।
डिजिटल गिरफ्तारी घोटाले: डर को हथियार बनाना
ठग CBI, पुलिस या बैंक अधिकारी बनकर WhatsApp वीडियो कॉल करते हैं, जिसमें डीपफेक और क्लोन की गई आवाज़ों का इस्तेमाल होता है। पीड़ितों को धमकी दी जाती है कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा अगर वे “अपना नाम साफ” करने के लिए पैसे ट्रांसफर नहीं करते।
ताजा मामलें:
- मुंबई की महिला ने 2 महीनों में ₹20 करोड़ खो दिए, जब नकली CBI एजेंटों ने WhatsApp पर उन्हें डिजिटल रूप से “गिरफ्तार” किया।
- घोटालों के पीछे का ढांचा
- म्यूल अकाउंट्स: 700 शाखाओं में 8.5 लाख से अधिक फर्जी बैंक खाते खोले गए, जिनका इस्तेमाल चोरी किए गए धन को ठिकाने लगाने में हुआ।
- इस्तेमाल किए गए प्लेटफॉर्म: Telegram, WhatsApp, नकली वेबसाइट्स और क्लोन किए गए ऐप्स।
- तकनीकी दुरुपयोग: डीपफेक, एआई वॉइस क्लोनिंग, नकली डैशबोर्ड और OTP चोरी।
भारत के लिए रणनीतिक उपाय
नागरिकों के लिए:
Telegram या WhatsApp पर आने वाली निवेश योजनाओं पर कभी भरोसा न करें।
- कोई असली पुलिस या बैंक अधिकारी ऑनलाइन गिरफ्तारी की धमकी नहीं देता या पैसे नहीं मांगता।
- भरोसा करने से पहले जांचें — खासकर “अधिकारियों” की वीडियो कॉल्स से।
- घोटालों की तुरंत रिपोर्ट करें http://cybercrime.gov.inपर या 1930 पर कॉल करें।
- जागरूकता है आपकी पहली फ़ायरवॉल
- ये घोटाले सिर्फ पैसे नहीं चुराते — ये ज़िंदगियाँ तबाह कर देते हैं। आइए साइबर सुरक्षा को व्यक्तिगत, सक्रिय और शक्तिशाली बनाएं।
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