कार लूट की एक सत्यकथा, जब 100 किमी तक पुलिस ने पीछा किया तो क्या हुआ जानिए, वीडियो भी देखें

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नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। यह दिल्ली की सत्य अपराध कथा है। अपराध कार लूट की। कार लूट समझ रहे हैं ना आप हथियार की नोक पर सरेराह किसी की कार लूट लेने को पुलिस फाइल में कार जैंकिंग भी कहते हैं। कथा के पहले कथानायकों से परीचित हो लीजिए। एसआई विकास यादव, एसआई गणेश कुमार, एस आई हरी सिंह औऱ हवलदार हिम्मत सिंह। चारो दिल्ली की द्वारका पुलिस में तैनात हैं।

इनका परिचय इसलिए जरूरी था क्योंकि वैसे तो क्रिमिनल को पकड़ना पुलिस के लिए रोज का काम है। लेकिन कुछ पुलिसवाले इस काम को कुछ इस अंदाज में कर जाते हैं कि उनका जिक्र करना लाजिमी हो जाता है। इन चारो पुलिसवालो ने भी कुछ ऐसा ही किया है। जैसे-जैसे ये कहानी आपके सामने खुलेगी आपको किसी रूपहले पर्दे पर दिखाई गई किसी फिल्म की याद आने लगेगी लेकिन ये रील की नहीं रियल लाइफ की कहानी है।

17-18 जुलाई की रात करीब 1 बजे थे। पुलिस कंट्रोल रूम को एक सूचना मिली। सूचना एक शख्स से बंदूक की नोक पर आई-20 कार छीन लेने की थी। द्वारका सेक्टर 10 के स्पोर्टस कांपलेक्स के पास बदमाश कार में रखे लैपटाप, पर्स आदि के साथ फरार हो गए। लूट का शिकार होने वाले शख्स ने पुलिस को बताया था कि बदमाश सेवरोलेट कार में सवार हैं। यह सूचना एसआई विकास और गणेश को भी मिली। एसआई विकास ने आनन फानन में अपनी क्रेटा कार में बदमाशों के पीछे जाने का फैसला कर लिया। उनके साथ एसआई गणेश,हरी सिंह औऱ हवलदार हिम्मत भी कार में सवार हो गए।

बस यहीं से फिल्मी सीन शुरू हो गया। कभी बदमाश किसी ओर मुड़ते तो कभी किसी ओर लेकिन पुलिस टीम पीछा भी पीछा करती जा रही थी। एक दो नहीं पूरे 100 किलोमीटर तक आई-20 में सवार बदमाश औऱ क्रेटा में सवार पुलिस के बीच यह खेल चलता रहा। छह घंटे हो चुके थे सात बजने वाले थे। पुलिस और बदमाशों के बीच यह फिल्मी सीन हरियाणा के गोहाना तक पहुंच चुका था। एक समय ऐसा आया जब बदमाश और पुलिसवालों की कार आमने सामने हुई औऱ दोनो में जोरदार टक्कर हुई। टक्कर कितनी जोरदार थी इस बात का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि पुलिस की क्रेटा कार के एयरबैग खुल गए औऱ यह गनीमत ही थी कि एयरबैग खुलने से क्रेटा में सवार एसआई गणेश, विकास, हरी सिंह औऱ हवलदार हिम्मत की जान बच गई। इस टक्कर में एसआई विकास की निजी कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। इसके बाद भी पुलिसकर्मियों ने कार का पीछा करना नहीं छोड़ा आखिरकार बदमाश एक सूनसान जगह पर लूटी हुई कार को छोड़कर फरार हो गए। क्षतिग्रस्त कार और जान पर बन आने के बाद भी पुलिस टीम ने हिम्मत नहीं हारी। आसपास के गांवो में स्थानीय पुलिस की मदद से बदमाशों का पता लगाने के साथ साथ सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली गई।

इधर दिल्ली में लूट की सूचना औऱ बदमाशों के पीछे जाने वाले पुलिसकर्मियों के बारे में आला अफसरों को भी पता चल गया था। इसलिए तत्काल एसीपी राजेन्द्र सिंह की देखरेख में उपरोक्त चारो के अलावा इंस्पेक्टर सी एल मीणा औऱ नवीन कुमार के नेतृत्व में एएसआई महेश त्यागी, हंस. महेश, सुरेन्द्र, हवलदार राज कुमार, सुमित कांस्टेबल जितेन्द्र और गजे सिंह की टीम बना दी गई थी। 

हरियाणा बदमाशों के पीछे गई पुलिस टीम ने आखिरकार एस सीसीटीवी में द्वारका के पोचनपुर निवासी बदमाश मनोज उर्फ भोलू को पहचान लिया। तुरंत इसकी सूचना एसीपी राजेन्द्र सिंह को दी गई। स्पेशल स्टाफ को अन्य बदमाशों की पहचान करने के साथ साथ सबको गिरफ्तार करने का निर्देश हुआ। पुलिस की अथक कोशिश आखिरकार काम आ गई 21 जुलाई को पुलिस ने द्वारका सेक्टर 23 से मनोज उर्फ भोलू, प्रशांत उर्फ गोगी औऱ दीपक तंवर को गिरफ्तार कर लिया। तीनो उस समय पोचनपुर में अपने विरोधी गैंग के किसी की हत्या करने जा रहे थे। उनके कब्जे से आई-20 मालिक से लूटे गए सामान के साथ साथ दो पिस्टल भी बरामद हो गए। मनोज औऱ दीपक पिछले महीने परोल पर बाहर आए थे। उन्होंने तिलक नगर में एक ठिकाना बनाया था औऱ काला जखेडी गैंग के मुकाबले बड़ा गैंग बनाने की फिराक में थे।

वीडियो में देखें पूरी कहानी

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