सीबीआई की जांच में खुला साफ्टवेयर का खेल

0
740

आलोक वर्मा

10 नवंबर को इसी वेबसाइट के जरिए मैंने आपको तो इसलिए नहीं मिलती ईरेल कंफर्म टिकट शीर्षक से छपे अपने लेख के माध्यम से बताया था कि किस तरह देश भर में ई रेल टिकट की कालाबाजारी हो रही है। इस लेख में मैंने ये भी बताया था कि 31 अक्टूबर तक आरपीएफ के हत्थे 1231 लोगों को ई-रेल टिकटों की कालाबाजारी में गिरफ्तार किया जा चुका है। इनसे आरपीएफ ने 7150 ईरेल टिकट बरामद किए जो 1.39 करोड़ रूपये मूल्य के थे। साइबर कैफे पर गैरकानूनी तरीके से चलने वाली इस कालाबाजारी के .ये आंकडे वो हैं जो रिकार्ड पर हैं सैकड़ों मामलों में तो गुपचुप तरीके से कालाबाजारी हो ही रही है शायद ये भी एक बड़ी वजह है कि हमें आपको आनलाइन कंफर्म टिकट नहीं मिलते।

दो दिन पहले सीबीआई ने इस पर सबसे बड़ा खुलासा किया और बताया कि सीबीआई में ही प्रोग्रामर के तौर पर काम करने वाले अजय गर्ग का रैकेट कितना बड़ा था। अब मैं आपको बताने जा रहा हूं कि किस तरह साफ्टवेयर बनाकर ये लोग तत्काल टिकट का फर्जीवाड़ा करते थे। यूएस औऱ रूस के सर्वर का सहारा लेकर इस खास तरह के साफ्टवेयर का इस्तेमाल तत्काल टिकट बुक करने में किया जा रहा है। सीबीआई ने इस सिलसिले में  इंटरपोल से भी मदद मांगी है।

आरपीएफ के हत्थे चढ़े आ टिकट वाले

इस साफ्टवेय़र के माध्यम से एजेंट सिर्फ 30 सेकेंड में सारे टिकट बुक कर लेते हैं। जो साफ्टवेयर खुले बाजार में नहीं बिक सकता और जिसे खरीदने के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है उसे ये एजेंट विदेशी सर्वर का सहारा लेकर मंगा लेते हैं। बताया जा रहा है कि अजय गर्ग के पास मौजूदा साफ्टवेय़र का लाभ लेने के लिए देश भर के एजेंट उसे मोटी रकम देते थे। 2007 में अजय गर्ग आईआरसीटीसी में था तभी से उसने साफ्टवेयर को विकसित कर लिया था। कहते हैं कि एकमुश्त मोटी रकम के अलावा हर महीने बुक होने वाली टिकट में भी उसका कमीशन होता था। तत्काल टिकट बुक करने वाले दलालों के बीच ये साफ्टवेयर न्यू चाइना के नाम से जाना जाता है। इस साफ्टवेयर की मदद से बिना रेलवे की साइट पर जाए ही तत्काल की टिकटें एक क्लिक पर बुक हो जाती हैं। बताया जा रहा है कि अजय गर्ग को 10 पीएनआर वाले साफ्टवेयर के लिए एकमुश्त 6 लाख औऱ हर महीने 8 हजार रूपये मिल जाते थे। तत्काल टिकट के लिए इस साफ्टवेयर में पहले से ही यात्रियोें के सारे विवरण भर दिए जाते हैं फिर जैसे ही तत्काल की बुकिंग शुरू होती है उसके ठीक पहले साफ्टवेयर पर बुकिंग का आप्शन शुरू हो जाता है और इस साफ्टवेयर को इस्तेमाल करने वाले एजेंट एक साथ तत्काल के सारे टिकट बुक कर लेते हैं।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now