ये हैं वो तीन वन्य जीव जिनकी खूब हुई तस्करी जानिए क्यों

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आलोक वर्मा

बाघ की खाल,  हाथी के दांत, गैंडे के सिंग जैसी चीजों की तस्करी तो आपने खूब सुनी पढ़ी या देखी होगी। मैं आपको बताने जा रहा हूं कुछ और खास जीवों की तस्करी और ये भी बताउंगा की इन जीवों की तस्करी होती क्यों है। सबसे पहले तो ये जान लीजिए कि एसएसबी यानि सशस्त्र सीमा बल ने इस साल कई करोड़ के वन्यजीव पकड़े तस्करी करने वालों को गिरफ्तार किया। सबसे ज्यादा जिस वन्यजीव की तस्करी के मामले एसएसबी की पकड़ में आए वह छिपकली है। जी हां बिल्कुल खास तरह की जिस छिपकली की तस्करी के सबसे ज्यादा मामले इस साल एसएसबी ने पकड़े उसे अंग्रेजी में  Tokay gecko (टोके गीको)कहते हैं।  

एसएसबी ने इस खास तरह की छिपकली की तस्करी के 32 मामले दर्ज किए 51 लोगों को गिरफ्तार किया औऱ उनसे बरामद 180 छिपकली की अंतर्राष्ट्रीय कीमत  86,37,80,000 रूपये हैं। खास तरह की ये छिपकली असम औऱ बंगाल में सर्वाधिक पाई जाती है और दुनिया में सबसे ज्यादा इसकी मांग चीन और थाईलैंड जैसे देशों में है

इसके बाद जिस वन्यजीव का नंबर आता है उसे red sand boa यानि दो मुंहा सांप कहते हैं। बताया जाता है कि इससे सेक्स पावर बढ़ता है इसलिए इसकी डिमांड है। एसएसबी ने इस खास तरह के सांप की तस्करी के 7 मामले दर्ज किए, 7 लोगों को गिरफ्तार किया और 10 सांप बरामद किए जिसकी कीमत 11,30,25000 है। कहते हैं इससे एड्स का भी इलाज होता है इसीलिए चीन, जापान, मलेशिया और दुबई में इसकी सबसे ज्यादा मांग है और देश में यूपी, बिहार और राजस्थान में यह पाया जाता है। 

एक और चीज जिसकी देश से खूब तस्करी हो रही है वह है सांप का जहर एसएसबी ने इस साल 3.760  किलोग्राम सांप का जहर बरामद किया जिसकी कीमत 70,00,00,000/- रूपये थी। सांप के जहर का इस्तेमाल नशीली दवाओं में तो होता ही है दिल के दौरे में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसकी तस्करी का हब कोलकाता है जहां से बांगलादेश और उसके बाद दुनिया के दूसरे देशों में इसे भेज दिया जाता है। वैसे गुजरात औऱ पंजाब के रास्ते भी उसे बाहर भेजा जाता है।

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