दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव ने http://indiavistar.com के साथ बातचीत में कई ऐसी बातें पहली बार सार्वजनिक की हैं जो पहले किसी के साथ शेयर नहीं की थीं। उन्होंने इंडिया विस्तार के संस्थापक संपादक आलोक वर्मा के साथ विस्तृत बातचीत की। उन्होंने कहा कि दिल्ली में एक केस ऐसा भी हुआ था जिसे सीबीआई में जाने के बाद भी दिल्ली पुलिस ने ही सुलझाया था। उन्होंने दिल्ली के ट्रैफिक पर भी कई बातें कीं।
दिल्ली की ट्रैफिक कैसे सुधरेगी बताया पूर्व पुलिस कमिश्नर ने
1985 बैच के आईपीएस अफसर एस एन श्रीवास्तव दिल्ली में ट्रैफिक, स्पेशल सेल आदि में चीफ भी रह चुके हैं। उन्होंने बताया कि जब वह डीसीपी साउथ वेस्ट थे वर्ष 96 और 97 में तब एक आईआरएस इंडियन रेवन्यू सर्विस इनकम टैक्स के ऑफिसर के घर पर चार बदमाश गाड़ी से आए। उस समय अफसर घर पर नहीं थे। बदमाशों ने उनकी वाइफ पर चाकूबाजी से हमला कर दिया। यह आईआरएस अफसर चंद्रास्वामी के खिलाफ जांच कर चुके थे। इसलिए मामला काफी संजीदा था।
बाद में यह केस सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया। मगर एसएन श्रीवास्तव चाहते थे कि जांच उनकी टीम करे। उनकी टीम ने जांच कर मामले को सुलझा लिया। गाड़ी बरामद हो गई जिसमें खून से लैस जो कपड़े हैं वो सब भी मिले और गाड़ी का नंबर वही था जो मौके पर से भागी थी और उसके छानबीन पर पता चला कि बैटरी हिसार से रिसेंटली ही लगाया गया है हिसार टीम गई हिसार उस आदमी से बात किया और बातचीत के से पता चला कि किसी व्यक्ति ने उसे लगवाया है उससे पूछताछ हुई और शाम तक दूसरे दिन शाम तक सारे बरामद हो गए।
इस दौरान सीबीआई पुलिस से बार-बार हमसे बात करना चाह रही थी श्रीवास्तव इस केस में व्यस्त थे और चाहते थे कि केस सॉल्व हो जाए और जब सॉल्व हो गया उसके बाद में सीबीआई से बातचीत किया। उस समय सीबीआई के तत्कालीन जो सीनियर ऑफिसर थे पहले तो वो नाराज थे कि हमने केस ट्रांसफर नहीं किया और दूसरा वो खुश भी हुए कि एक यंग ऑफिसर ने बड़ी वो दिखाई एक जुझारू पन दिखाया और केस को सॉल्व किया और फिर केस उनके पास ट्रांसफर हो गया।
पूर्व सीपी ने बताया कि इसी तरह के एक दूसरे केस में एक विधायक के बेटे का अपहरण हो गया था। इस सिलसिले में संदिग्ध आरोपी की मां से पुलिस स्टेशन में पूछताछ हो रही थी। वह महिला इतनी ग्लानि से भर गई कि उसने थाने की छत से छलांग लगाकर आत्म हत्या कर लिया। इससे कानून और व्यवस्था की चुनौती खड़ी हो गई लेकिन आखिरकार हमारा प्रयास रंग लाया। 14 दिन बाद अगवा बच्चा और आरोपी धर लिए गए। पूर्व पुलिस कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव का पूरा इंटरव्यू सुनने के लिए दिए गए वीडियो के लिंक को क्लिक करें।
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