“रनुकी, झुनकी बेटी माँगीला, पढ़ल पंडितवॉ दामाद…..हे छठी मैया…छठ पूजा के इस मशहूर गाने से लगभग बिहार के हर निवासी भली भाँति परिचित होंगे । बिहार के पूर्णिया ज़िला के निवासी दुर्गा गुप्ता को भी अपने मोबाइल फ़ोन पर छठ पूजा का यह गाना हमेशा सुनना अच्छा लगता है और वो भी तब जब वो अपने मैके साल में सिर्फ़ एक बार जाती है अपने माँ के साथ छठ पर्व मनाने।
दुर्गा इस वर्ष भारतीय रेल के द्वारा किए गए इंतज़ाम से काफ़ी ख़ुश हैं कहती हैं “पहली बार मैंने देखा यह व्यवस्था। छठ पूजा में अपने घर जा रहे यात्रियों के लिए भारतीय रेल ने आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर एक अलग प्रतीक्षा स्थल बनाया है । सुरक्षा व्यवस्था से लेकर यहाँ स्वच्छता का भी पूरी तरह ध्यान रखा गया है”, दुर्गा ने कहा । मैं अपने पूरे परिवार के साथ बीती रात यहाँ हिमाचल प्रदेश के मण्डी ज़िला से आई और हमलोगों बिहार जाने वाली सीमांचल ऐक्सप्रेस का इंतज़ार कर रहे हैं। उनके मुताबिक यहां किसी भी तरह की परेशानी नहीं हुई। रेल मंत्री पियुष गोयल के लिए से सुखदायक खबर होगी की छठ के लिए लाखों की संख्या में जाने वाले यात्री रेल के इंतजामों से बेहद खुश हैं।
दुर्गा ने अपने इस छठ पूजा के मशहूर गाने के पीछे छिपे राज को बताया – ” मेरी माँ यह कहती है की मैं छठी मैया की देन हूँ । वो हमेशा पूरी ज़िंदगी यही गाना गाती रही और मैया ने उन्हें आशीर्वाद के रूप में रनुकी, झुनकी के बदले दुर्गा दिया । मैं अपने माता पिता की इकलौती संतान हूँ”, दुर्गा ने बताया ।
“रनुकी, झुनकी बेटी माँगीला, पढ़ल पंडितवॉ दामाद…..हे छठी मैया…वाह भारतीय रेल”.
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