पलवल के सनकी कातिल के अलावा ये है देश के कुछ कुख्यात सीरियल किलर्स

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आलोक वर्मा

हरियाणा के पलवल में एक पूर्व फौजी के हाथों हुई एक के बाद एक करके 6 हत्य़ाओं ने एक बार फिर सीरियल किलर्स का खौफ पैदा कर दिया है। मनोवैज्ञानिक विष्लेषण और कानूनी दांव पेंच इस खौफ चाहे जो इलाज सोचे लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं देश के कुछ ऐसे सीरियल किलर्स के बारे में जिनके खौफ ने एक समय में कहर बरपा दिया था।

मेरी जानकारी के मुताबिक देश में सीरियल किलर के खौफ की सुरूईत बहराम ठग से होती है।  ठग बहराम पूरी दुनिया में कुख्यात है. उसका जन्म 1765 में हुआ था। ठग बहराम ने 179- से 1840 के बीच रुमाल के जरिए गला घोंटकर 900 से अधिक लोगों की हत्या की थी। उसको 75 वर्ष की उम्र में पकड़ लिया गया. 1840 में उसको फांसी की सजा दी गई। ठग बहराम के बाद नंबर आता है राघव रमऩ का।  राघव रमन 1960 के दशक में मुंबई और इसके उपनगरों में आतंक फैलाने के लिए जाना जाता है। रमन एक सीजोफ्रेनिक सीरियल किलर था जो खासतौर पर गरीब, फुटपाथ पर रहने वालों और भिखारियों को अपना निशाना बनाता था। रमन का हत्‍या करने का एक तरीका था कि वो अक्‍सर रेलवे ट्रैक के किनारे रहने वालों को ही मारता था। रमन लोगों की पत्‍थरों से कुचलकर हत्‍या कर देता था। जब रमन पकड़ा गया तो उसने माना कि उसने 23 लोगों की हत्‍या की है। इसके पहले उसे अपनी बहन के साथ दुष्‍कर्म और उसकी हत्‍या के लिए भी जेल हुई थी। गिरफ्तारी के बाद अदालत ने उसकी बीमारी के चलते उसकी फांसी को उम्रकैद में बदल दिया था। रमन की 1995 में किडनी की बीमारी के चलते मौत हो गई।

निठारी कांड के अभियुक्त सुरेन्द्र कोली से तो आप सभी परिचित ही हैं  इसका नाम ही ज़हन में एक डर और गुस्सा पैदा करता है कि कोई इंसान इतना हैवान कैसे हो सकता है। 2005-06 में हुए निठारी कांड को भूलना आसान नहीं है। इसके आरोपी सुरिंदर कोली को मौत की सजा हो चुकी है वहीं कोली के मालिक पंढेर का मामला कोर्ट में चल रहा है। कोली पर 16 हत्‍याओं का आरोप है लेकिन इनमें से केवल चार मामलों को सुलझाया जा सका है। उस समय बेहद चर्चा में रहे इस मामले का खुलासा तब हुआ जब कुछ स्‍थानीय लोगों ने इलाके से गायब हो रहे बच्‍चों के पीछे निठारी के डी5 में काम करने वाले सुरिंदर कोहली का हाथ हो सकता है। उन्‍होंने पूर्व रेस‍िडेंट वेलफेयर ऐसोसिएशन के एससी मिश्रा की मदद ली। इन लोगों ने उस घर के नालों की जांच की और इस दौरान एक व्‍यक्ति ने दावा किया कि उसने एक बच्‍चे का गला हुआ हाथा देखा। इसके इन्‍हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

देश के सीरियल किलर्स की कड़ी में चेन्नई के गौरीशंकर उर्फ आटोशंकर का भी नाम आता है । इस शख्‍स को ऑटो शंकर उसके काम की वजह से कहा जाने लगा। शुरुआत में तो यह शराब और देह व्‍यापार में लिप्‍त था । इसके घिनौने सच का खुलासा 1988 में हुआ। दरअसल उस दौरान महज 6 महीने में 9 लड़कियां चेन्‍नई के तिरुवनमियुर से गायब हो गईं। शुरुआती जांच में पुलिस ने माना कि उन्‍हें दहेज की समस्‍या के चलते घर वालों ने ही देह व्‍यवार में धकेल दिया होगा। लेकिन जब इन लड़कियों के परिजन नहीं माने तो पुलिस ने जांच शुरू की। ऑटो शंकर को लेकर पहला शक पुलिस को तब हुआ जब ये युवती ने किसी ऑटो चालक द्वारा अपने अपहरण की कोशिश की शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद पुलिस ने जब गहराई से जांच की तो उन 9 लड़कियों के गायब होने में भी शंकर का नाम सामने आया। शंकर अपने शिकारों को अगवा कर ग्रहाकों के पास भेजता जो उनसे दुष्‍कर्म करते और बाद में शंकर उन्‍हें मारकर उनका अंतिम संस्‍कार कर देता और उनकी राख समुद्र में बहा देता। गिरफ्तारी के बाद उसे मौत की सजा हो गई।

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