बांग्लादेश के सीमांत इलाकों से सीमा पर लगे कंटीले तारों के बाढ़ के उपर से नकली नोटों की खेप फेंक दी जाती है। इसके बाद पश्चिम बंगाल के मालदा से होते हुए नकली नोटों की ये खेप दिल्ली एनसीआर सहित यूपी बिहार और अन्य राज्यों में फैला दी जाती है। यह रूट नए जारी हुए करंसी के नकली खेप की है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक ऐसे ही इंटरनेशनल रैकेट का भांडाफोड़ किया है। नकली नोटों की खेप दिल्ली पुलिस ने इस सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर 2000 की शक्ल वाले 5.50 लाख कीमत के नकली नोटों की खेप बरामद की है।
स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा के मुताबिक एसीपी अतर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर अरविंद कुमार औऱ दिनेश कुमार यादव की टीम ने नकली नोटों की तस्करी करने वाले रैकेट का खुलासा किया है। इस सिलसिले में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास थामसन रोड औऱ रामलीला मैदान के पास से पकड़े गए लोगों की पहचान बिहार के मोतीहारी निवासी जुल्फिकार, मालदा निवासी दीपक औऱ उतम के रूप में हुई है। पुलिस टीम को सूचना मिली थी कि इंटरनेशनल सिंडिकेट के लोग दिल्ली में नकली नोटों की खेप लेने वाले हैं।
सूचना के आधार पर एसआई निर्भय राणा औऱ आदित्य और एएसआई बलराज और उनकी टीम को इसके बारे में पता लगाने की डयूटी दी गई। जानकारी मिली की बांगलादेश के सीमावर्ती इलाकों से नकली नोटों की खेप मालदा पहुंचाई जाती है और वहां से दिल्ली औऱ दूसरी जगहों पर नोटों की खेप भेजी जाती है। 17 दिसंबर को पता लगा कि दो लोगों नकली नोटों की खेप का आदान प्रदान थामसन रोड पर करेगे। पहले से ही तैनात पुलिस टीम ने थामसन रोड पर नकली नोटों की खेप लेने पहुंचे जुल्फिकार और उसे खेप सप्लाई करने पहुंचे उतम को गिरफ्तार कर लिया। इनके कब्जे से 2000 के कुल 200 नोट बरामद हुए। इनसे पूछताछ के बाद रामलीला मैदान के पास जाल बिछाकर 2000 के 75 नोटों के साथ दीपक को गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में पता लगा कि ये लोग पिछले 5 सालों से नकली नोटों के धंधे में लगे हैं। जुल्फिकार पहले नकली नोटों के लिए बांगलादेश भी जाया करता था। पुराने नोटों के बंद होने और नई करेंसी के नकली नोटो की खेप आने के बाद ये फिर से इसी धंधे में लग गए थे। पूछताछ में ये भी पता लगा है कि ये लोग दिल्ली एनसीआर में अब तक 3 करोड़ मूल्य के नकली नोट सप्लाई कर चुके हैं। इस समय बांगलादेश से नकली नोट लेने का काम दीपक करता था। उसे 300 रूपये प्रति 1000 के मूल्य से नोट मिलते थे और वह इसे जुल्फिकार को 450 रूपये में देता था जबकि जुल्फिकार इसे 500 रूपये में बेचा करता था। उतम इन दोनों के बीच कैरियर का काम करता था।