जानिए कल से वाराणसी को क्या क्या देने जा रहे हैं मोदी

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आलोक वर्मा

कल से वाराणसी के अच्छे दिन शुरू होने वाले हैं। प्रधानमंत्री कल से अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दो दिन के दौरे पर रहेंगे और इस दौरान वाराणसी को बहुत कुछ मिलने जा रहा है।  इस दौरान प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों में विविध रुप से बुनियादी सुविधाएं, रेलवे, वस्त्र, वित्तीय समावेश, पर्यावरण और स्वच्छता, पशुपालन, संस्कृति और आध्यात्मिकता शामिल है।

प्रधानमंत्री बाड़ा लालपुर में देश को दीनदयाल हस्तकला संकुल- हस्तशिल्प के लिए एक व्यापार सुविधा केंद्र समर्पित करेंगे। वह संक्षिप्त रुप से संकुल में सुविधाओं का निरीक्षण करेंगे। श्री नरेन्द्र मोदी एक वीडियो लिंक के माध्यम से महामना एक्सप्रेस को झंडी दिखायेंगे। यह ट्रेन वाराणसी को गुजरात में सूरत और वडोदरा के साथ जोड़ेगी।

इसी स्थान पर, प्रधानमंत्री शहर में विभिन्न विकास कार्यों की आधारशीला की पट्टिकाओं को रखेंगे और शहर को विभिन्न विकास कार्य समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री उत्कर्ष बैंक की बैंकिंग सेवाओं का उद्घाटन करेंगे, और बैंक के मुख्यालय की इमारत की आधारशिला के लिए एक पट्टिका का भी अनावरण करेंगे। उत्कर्ष बैंक को माइक्रो फाइनेंस के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल है।

प्रधानमंत्री एक वीडियो लिंक के माध्यम से वाराणसी के लोगों को एक जल एम्बुलेंस सेवा और एक जल शव वाहन सेवा भी समर्पित करेंगे।

22 सितंबर की शाम को, प्रधानमंत्री वाराणसी के ऐतिहासिक तुलसी मानस मंदिर का दर्शन करेंगे। वे “रामायण” पर डाक टिकट जारी करेंगे। बाद में, वे शहर के दुर्गा माता मंदिर का दर्शन करेंगे।

23 सितंबर को, प्रधानमंत्री संक्षिप्त रूप से शहंशाहपुर गांव में एक स्वच्छता संबंधी कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इसके बाद वे एक पशुधन आरोग्य मेला जाएंगे। प्रधानमंत्री, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित करेंगे, और सभा को संबोधित करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी 22 सितम्बर, 2017 को वाराणसी के रमना में 50 एमएलडी क्षमता वाले सीवेज परिशोधन संयंत्र (एसटीपी) की आधारशिला रखेंगे। यह संयंत्र हाइब्रिड एन्यूटी- मॉडल पर आधारित है। सीवेज क्षेत्र में पहली बार हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल का उपयोग किया जा रहा है। नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत निर्मल गंगा के लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह एक बड़ा कदम है।

153.16 करोड़ रुपये की लागत वाले इस संयंत्र के निर्माण, परिचालन व रख-रखाव का कार्य एक कॉन्सोर्टियम को दिया गया है जिसकी अगुवायी एस्सेल इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड नामक कम्पनी कर रही है।

भारत सरकार द्वारा अनुमोदित हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल के तहत केन्द्र सरकार इस परियोजना का 100 प्रतिशत खर्च वहन करेगी। इस मॉडल के तहत एसटीपी का विकास, परिचालन और रख-रखाव स्थानीय स्तर पर बनाई गई एक स्पेशल पर्पज विह्कल (एसपीवी) करेगी। इस मॉडल के अनुसार लागत की 40 प्रतिशत राशि का भुगतान निर्माण के दौरान किया जाएगा और शेष 60 प्रतिशत राशि का भुगतान अगले 15 वर्षों के दौरान वार्षिक तौर पर किया जाएगा जिसमें परिचालन और रख-रखाव (ओ एंड एम) का खर्च भी शामिल होगा।
इस मॉडल की सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषता यह है कि वार्षिक और परिचालन व रख-रखाव (ओ एंड एम) के दोनों भुगतानों को एसटीपी के प्रदर्शन के साथ जोड़ा गया है। इससे संयंत्र के बेहतर प्रदर्शन, स्वामित्व और बेहतर जवाबदेही सुनिश्चित की गई है।

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